बिशुनपुर में दर्जन भर गांव टापू में तब्दील, घाघरा नदी में बहे आटो व तीन बैल

संवाद सूत्र बिशुनपुर (गुमला) प्रखंड में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण प्रखंड के कई गांव टापू में तब्दी हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 06:34 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 06:34 PM (IST)
बिशुनपुर में दर्जन भर गांव टापू में तब्दील, घाघरा नदी में बहे आटो व तीन बैल
बिशुनपुर में दर्जन भर गांव टापू में तब्दील, घाघरा नदी में बहे आटो व तीन बैल

संवाद सूत्र, बिशुनपुर (गुमला) : प्रखंड में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण प्रखंड की तमाम नदियां उफान पर है, जिससे पुल विहीन घाघरा नदी के दूसरे छोर में दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। घाघरा नदी में एक आटो एवं तीन बैल भी बाढ़ के पानी में बह गए है। बीडीओ चंदा भट्टाचार्य, सीओ धनंजय पाठक ने बुधवार को बनारी कोयल नदी का दौरा कर चेतावनी दी गई है कि कोई भी व्यक्ति नदी के नजदीक ना जाए। उग्रवाद प्रभावित कसमार क्षेत्र के घाघरा नदी में अब तक पुल का निर्माण नहीं हो सका है और लगातार हो रही बारिश के कारण नदी पूरे उफान पर है, जिससे कटिया, जमटी, टेमर कर्चा, बोररांग, घाघरा, कठठोकवा, आशन पानी सहित दर्जनों गांव टापू बन गए हैं। दूसरी ओर मूदार नदी में पानी लगातार बढ़ रहा है जिस कारण मूदार गांव भी प्रखंड मुख्यालय से कटा गया है। यह गांव भी टापू में तब्दील हो गया है। कटिया गांव के सुनील उरांव ने बताया कि बारिश लगातार तीन दिन तक होने की सूचना पर गांव के लोग राशन लाने के लिए उनका आटो लेकर बनालात गांव गए हुए थे। जहां से लौटने के क्रम में आटो नदी में फंस गया जिसे निकालने का काफी प्रयास किया गया परंतु नदी का पानी बढ़ने के कारण आटो को नहीं निकाल पाए और वह पानी में बह गया। बनालात बेरी टोली के किशुन उरांव ने बताया कि मंगलवार को उसके चार बैल चरने के लिए नदी के उस पार गए थे। नदी में बाढ़ आ गया बैल नदी में घुसकर पार होना चाह रहा थे तभी तीन बैल नदी की धार में बह गए, जबकि एक बैल नदी के दूसरे छोर में निकल गया।

गांव में तीन दिनों से राशन दवा एवं अन्य जरूरत का सामान गांव नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है।

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