जब राशि का था प्रावधान क्यों नहीं खोदे गए पशुरोधक खाई

संवाद सूत्र घाघरा (गुमला) जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती जा रही है वैसे-वेसे मनरेगा से कराए

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 09:19 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 09:19 PM (IST)
जब राशि का था प्रावधान क्यों नहीं खोदे गए पशुरोधक खाई
जब राशि का था प्रावधान क्यों नहीं खोदे गए पशुरोधक खाई

संवाद सूत्र, घाघरा (गुमला) : जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती जा रही है वैसे-वेसे मनरेगा से कराए गए पौधारोपण में खामियां उजागर होते जा रही है। गुरुवार को राज्य मनरेगा सेल की एक जांच टीम घाघरा प्रखंड के चुंदरी पंचायत के बहरी और महुगांव में लगाए गए पौधे और लगे पौधे के सूखने की मिली शिकायत की जांच करने पहुंची तो कई तरह की अनियमितताएं उजागर हुई । जांच के क्रम में टीम के सदस्यों ने घाघरा के बीडीओ विष्णुदेव कच्छप से यह सवाल किया कि जब पौधरोपण मद में पशुरोधक खाई खोदने के लिए राशि उपलब्ध कराई गई थी तब लगे हुए पौधों की सुरक्षा के लिए पशुरोधक खाई का निर्माण नहीं कराए जाने का क्या कारण है। जांच के लिए पहुंचे पांच सदस्यीय टीम के शिव शंकर ने जब यह सवाल उठाया तो बीडीओ चुप रह गए। शिवशंकर ने कहा कि यह तो कार्य में लापरवाही है। टीम ने यह पाया कि घटिया पौधे की आपूर्ति की गई थी। किसानों ने काफी मेहनत कर बांस का घेरा बनाकर पौध रोपण किया था। खराब पौधे मिलने के कारण वे सूख गए। किसान मायूस हैं। जांच प्रतिवेदन विभाग को सौंपा जाएगा। टीम के सदस्यों ने बागवानी मित्र से जानकारी चाही तो उन लोगों ने तकनीकी जवाब नहीं दिया। गोल मटोल जवाब सुनकर जांच टीम ने सहायक अभियंता सत्येन्द्र कुमार और कनीय अभियंता राहुल कुमार को बागवानी मित्रों को प्रशिक्षण देने और व्हाटसएप ग्रुप बनाकर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इस जांच के दौरान वैज्ञानिक एम दास, रजनीकांत, अनुपम भारती,बीडीओ विष्णुदेव कच्छप, मुखिया आदित्य भगत आदि मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी