पांच वर्ष में नहीं बदली बनारी पंचायत की तस्वीर

संवाद सूत्र बिशुनपुर ( गुमला) झारखंड में पंचायत चुनाव का बिगुल तो बज चुका है लेकिन दिसंबर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 11:04 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 11:04 PM (IST)
पांच वर्ष में नहीं बदली बनारी पंचायत की तस्वीर
पांच वर्ष में नहीं बदली बनारी पंचायत की तस्वीर

संवाद सूत्र, बिशुनपुर ( गुमला): झारखंड में पंचायत चुनाव का बिगुल तो बज चुका है लेकिन दिसंबर माह में कब चुनाव होना है इसकी तिथि तय नहीं की गई है। पंचायत के विभिन्न ग्रामों के चौक चौराहों पर पंचायत चुनाव को लेकर चर्चाएं शुरु हो चुकी है जिस मुखिया ने इन पांच वर्षों में बनारी पंचायत में विकास का काम नहीं कर अपना ही विकास किया। वैसे मुखिया को इस बार सबक सिखाने के साथ साथ भावी उम्मीदवार को पहचान व परख कर ही उसे जीत दिलाने की गणित पर काम शुरू हो गया है। गुमला मुख्यालय से बनारी पंचायत की दूरी करीब 60 किलोमीटर है। इस पंचायत की वर्तमान मुखिया दीपमाला कुमारी बड़ा है। मुखिया अपने कार्यकाल के दौरान पूरे पंचायत में बेहतर काम करने का दावा कर रही हैं। जबकि ग्रामीणों ने उनके दावा को खोखला करार दिया है। इन पांच वर्षों में बनारी पंचायत में विकास हुआ ही नहीं है। पांच वर्ष पहले जो समस्याएं थी आज भी वह समस्याएं बरकरार है। पंचायत का विकास के लिए रुपये तो आए, परंतु उसका सही सदुपयोग नहीं हो पाया और राशि की बंदरबांट हो गई। जिस कारण बनारी पंचायत में सड़क पेयजल एवं शौचालय की समस्या जस की तस बनी हुई है। बनारी पंचायत की मुखिया दीपमाला कुमारी बड़ा ने कहा कि उनके द्वारा चुनाव से पूर्व जरूरतमंद लोगों को पेंशन, राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास दिलाने का वादा किया था। जिसे दिलाने का काम किया जा रहा है। अभी कुछ लोगो को यह सुविधा बाकी है। केंद्र एवं राज्य सरकार की मनरेगा 15 वित्त आयोग बृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, प्रधानमंत्री आवास जैसे योजनाओं को ग्राम सभा कर जरूरतमंद लोगों के बीच में दिलाने का काम किया है। उज्जवला योजना , आयुष्मान कार्ड , किसान क्रेडिट कार्ड जैसे योजनाओं का लाभ भी पंचायत के लोगों को दिलाने का काम कर चुकी है।

कोट

मुखिया द्वारा सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगाया गया था। जो एक सप्ताह भी नहीं जला और वह खराब हो गया लोगों के द्वारा कई बार मुखिया से स्ट्रीट लाइट बनवाने की मांग की लेकिन लाइट नहीं बनी।

-कृष्णा सिंह

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बनारी पंचायत में शौचालय के नाम पर लाखों रुपए खर्च हो गए हैं परंतु अब तक शौचालय निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है शौचालय के नाम पर मात्र खानापूर्ति कर राशि का बंदरबांट किया गया।

- अजीत उरांव

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बनारी पंचायत में रहने वाले ग्रामीण आज भी सरकारी योजनाओं से वंचित है उन्हें न ही राशन कार्ड मिल पाया है और न ही आवास ही मिला है।

-अनिल उरांव

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बनारी पचायत की सड़कों की स्थिति खराब है। उबड़ खाबड़ सड़क पर वाहन चलाना जान खतरे में डालना है। इसका बावजूद मजबूरी में सड़क का इस्तेमाल करना पड़़ रहा है।

-कुंदन चिक बड़ाइक

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