प्रतिमा विसर्जन व रावण दहन के साथ दशहरा पर्व हर्षोल्लास संपन्न

जागरण टीम गुमला गुमला के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दशहरा का पर्व प्रतिमा विसर्जन और

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 09:14 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 09:14 PM (IST)
प्रतिमा विसर्जन व रावण दहन के साथ दशहरा पर्व हर्षोल्लास संपन्न
प्रतिमा विसर्जन व रावण दहन के साथ दशहरा पर्व हर्षोल्लास संपन्न

जागरण टीम, गुमला : गुमला के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दशहरा का पर्व प्रतिमा विसर्जन और रावण दहन के साथ हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। महाअष्टमी दिन बुधवार की आधी रात संधि बलि की धार्मिक पारंपरिक अनुष्ठान के बाद शारदीय नवारात्र के महानवमी तिथि दिन गुरुवार को कलश स्थापित भक्त एवं सार्वजनिक पूजा स्थलों में हवन का आयोजन किया गया। हवन के बाद कुंवारी कन्याओं का पूजन किया गया। गुमला के डुमरडीह पूजा समिति में 251 कुंवारी कन्याओं का पूजन किया गया। अध्यक्ष जगलाल प्रसाद ने कहा कि डुमरडीह पूजा समिति में हर वर्ष कुवांरी कन्याएं की पूजा होगी। संख्या जितनी भी हो सबका पूजन किया जाएगा। रायडीह में 105 एवं अन्य पूजा समिति एवं कलश स्थापन करने वाले भक्तों ने अपने स्तर से कुवांरी कन्याओं का पूजन किया। नवपत्रिका विसर्जन से पूर्व सुहागिनों ने खेली सिदूर की होली :

दशमी तिथि दिन शुक्रवार की सुबह सार्वजनिक पूजा स्थलों से सदस्यों ने पवत्रि सरोवरों में नव पत्रिका का विसर्जन कर दिया। नव पत्रिका विर्सजन के पूर्व बंगाली क्लब और डुमरडीह पूजा समिति के सुहागिनों ने एक दूसरे के मांग भरे और सुहाग की रक्षा के लिए सिदूर की होली खेली। बड़ो से आशीर्वाद लिए। भावविह्ल मन से माता की विदाई दी। गाजा बाजा के साथ नव पत्रिका का विसर्जन किया गया। गाजे बाजे के साथ निकाली गई शोभा यात्रा :

विसर्जन शोभा यात्रा में कोविड गाइडलाइन का पालन किया गया। पांरपरिक ढोल नगाड़ा के साथ मां की प्रतिमा की शोभा यात्रा निकाली गई। ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं-कहीं डीजे साउंड में युवा नाचते गाते नजर आए लेकिन भव्य शोभा यात्रा का आयोजन नहीं किया गया।

रावण का पुतला दहन कर परंपरा का किया निर्वहन :

कोविड गाइडलाइन के कारण इस वर्ष कहीं भी विजय उत्सव का आयोजन नहीं किया गया। शहरी क्षेत्र में न तो विजय जुूलूस निकला और न ही रावण दहन हुआ। ग्रामीण क्षेत्र बसिया और अरमई में सांकेतिक रूप से रावण का छोटा- छोटा पुतला बनाकर दहन किया गया और परंपरा का निर्वहन किया गया। आतिशबाजी भी की गई। गुमला के कामडारा, बसिया, रायडीह, चैनपुर, जारी, डुमरी, बिशुनपुर, घाघरा, सिसई और बिशुनपुर में मां दुर्गा की पूजा और असत्य के प्रति सत्य की जीत का प्रतिम रावण दहन के साथ दशहरा का पर्व संपन्न हो गया।

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