घायल की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने अस्पताल गेट को जाम कर किया प्रदर्शन

संवाद सूत्र कामडारा (गुमला) सड़क दुर्घटना में घायल महिला ललिता देवी की मौत पर मृतक महि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 07:29 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 07:29 PM (IST)
घायल की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने अस्पताल गेट को जाम कर किया प्रदर्शन
घायल की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने अस्पताल गेट को जाम कर किया प्रदर्शन

संवाद सूत्र, कामडारा (गुमला) : सड़क दुर्घटना में घायल महिला ललिता देवी की मौत पर मृतक महिला के स्वजनों ने चिकित्सकों व कर्मियों की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के गेट पर धरना दिया। धरना प्रदर्शन के कारण अस्पताल गेट दो घंटे तक जाम रहा है। विधायक जिग्गा सुसारन होरो के समझाने के बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया। ज्ञात हो कि शुक्रवार की शाम एक पिक अप वैन के धक्का से 55 वर्षीय महिला घायल हो गई थी। स्थानीय लोगों ने तत्काल उसे इलाज के लिए सामुदायिक भवन कामडारा पहुंचाया लेकिन वहां कोई डाक्टर नहीं थे। जिस कारण घायल महिला को स्वजनों ने इलाज के लिए बसिया रेफरल अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक महिला के समर्थन में आक्रोशित ग्रामीणों ने शनिवार की सुबह 10 बजे सीएचसी कामडारा पहुंचे और गेट के आगे बैठ कर व्यवस्था के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर कामडारा थाना प्रभारी देवप्रताप प्रधान, बीडीओ अमृता प्रियंका एक्का, सीओ दीप्ति प्रियंका कुजूर सीएचसी पहूंचे और ग्रामीणों से बात की। ग्रामीण जिला से वरीय अधिकारियों से बात करने पर अड़े थे। जानकारी मिलने के बाद विधायक जिग्गा सुसारन होरो भी वहां पहुंचे और ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था से विधायक को अवगत कराया। रात्रि सेवा नहीं मिलने की शिकायत की। विधायक द्वारा व्यवस्था में सुधार का आश्वासन देने के बाद 12 बजे धरना प्रदर्शन समाप्त किया गया। चिकित्सक के सात पद स्वीकृत में कार्यरत मात्र एक :

कामडारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के सात पद स्वीकृत है जिनमें से मात्र एक चिकित्सक डा. तारिक अनवर कार्यरत है। एक डाक्टर के भरोसे कामडारा अस्पताल चल रहा है। एक महिला डाक्टर पालकोट से प्रतिनिुक्त पर आयी है लेकिन शाम होते ही घर चली जाती है। एंबुलेंस की हालत खस्ता है। चालक नशे में रहता है। जीवन रक्षक दवाओं की भी कमी है। ग्रामीणों ने बताया कि मरीजों व उसके परिजनों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों का व्यवहार अच्छा नहीं रहता है। ग्रामीणों ने अस्पताल में चिकित्सकों की मांग की और व्यवहार अच्छा करने की मांग की।

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