लाभुक से खाता में हस्तांतरित करा रहे हैं रिश्वत की राशि
सवांद सूत्र बसिया(गुमला)बसिया प्रखंड के ईटाम पंचायत के रोजगार सेवक सतीश कुमार साहू का
सवांद सूत्र, बसिया(गुमला):बसिया प्रखंड के ईटाम पंचायत के रोजगार सेवक सतीश कुमार साहू का कारनामा दूसरी बार चर्चा में है। रोजगार सेवक सतीश कुमार साहू ने मनरेगा आम बागवानी लाभुक ससिया गांव निवासी योगेंद्र यादव से जियो टैग करने के नाम पर 500 रुपया बैंक अकाउंट के माध्यम से रिश्वत लिया।हैरत की बात तो यह है कि रिश्वत की राशि को लेकर मैसेज भी किया गया है।इसमें ''आम बागवानी का जियो टैग करने का रिश्वत'' लिखा हुआ है।सूत्रों की माने तो प्रखंड के सभी पंचायतों में इस तरह का मामला है ,लेकिन लाभुक अपने योजनाओं के कार्य में बाधा होने के डर से शिकायत नहीं करते हैं।योजना स्वीकृति से लेकर योजना पूर्ण होने तक पार्ट पार्ट में रिश्वत लिया जाता है। बसिया प्रखंड में विकास योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी आम बात हो गई है।अधिकारियों को इसकी जानकारी होने पर भी कोई कर्रवाई नहीं होती है।इससे स्थानीय अधिकारियों के कार्यशैली पर भी प्रश्नचिह्न दिखाई देती है।
रिश्वत का मामला थाना पहुंचा
मामले में रोजगार सेवक सतीश कुमार साहू ने कहा कि उसके बैंक खाते में राशि डालकर रिश्वत का गलत आरोप लगाया जा रहा है। उसने रिश्वत नहीं मांगी है, जबकि मनरेगा लाभुक योगेंद्र यादव ने कहा कि बार बार रिश्वत की मांग की जाती है। बैंक खाते में 500 रुपया दिया है।इसके बाद पुन: राशि की मांग की जा रहा थी। नहीं देने पर योजना की बकाया राशि नहीं देने की बात रोजगार सेवक द्वारा कहा गया। राशि नहीं देने पर धमकाने एवं मार पीट करने का गलत शिकायत रोजगार सेवक द्वारा बसिया थाना में किया है।
पूर्व में कराई थी वापस रिश्वत की राशि
इससे पूर्व भी रोजगार सेवक के द्वारा फोन पेय के माध्यम से 7500 रुपया तालाब लाभुक सुरेश टोपनो से लिया था। इसकी सूचना मिलने पर बीडीओ रबिन्द्र कुमार गुप्ता ने वापस करवाया था। उस दौरान भी रोजगार सेवक सतीश कुमार साहू पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इससे तो यही प्रतीत होता है कि बसिया प्रखंड में भ्रष्टाचार अब शिष्टाचार बन गया है। ।