बरसात के बाद घाघरा नदी में होगा ब्रिज निर्माण, कटिया गांव में प्रशासन ने ग्रामीण संग की बैठक

संवाद सूत्र बिशुनपुर (गुमला) बिशुनपुर प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित कसमार क्षेत्र के घाघरा नद

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 08:28 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 08:28 PM (IST)
बरसात के बाद घाघरा नदी में होगा ब्रिज निर्माण, कटिया गांव में प्रशासन ने ग्रामीण संग की बैठक
बरसात के बाद घाघरा नदी में होगा ब्रिज निर्माण, कटिया गांव में प्रशासन ने ग्रामीण संग की बैठक

संवाद सूत्र, बिशुनपुर (गुमला) : बिशुनपुर प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित कसमार क्षेत्र के घाघरा नदी में ब्रिज नहीं होने के कारण लगातार नदी पार करने के दौरान हो रही परेशानी एवं घटना से नाराज ग्रामीणों द्वारा बैठक कर निर्णय लिया गया था कि जब तक घाघरा नदी में ब्रिज का निर्माण नहीं होता है तब तक पूरे क्षेत्र के लोग वोट बहिष्कार करेंगे। यह खबर दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और प्रखंड विकास पदाधिकारी छंदा भट्टाचार्य, अंचलाधिकारी धनंजय पाठक, थाना प्रभारी सदानंद सिंह शुक्रवार को कटिया गांव पहुंचे । ग्रामीणों के साथ बैठक कर अंचलाधिकारी धनंजय पाठक ने बताया कि घाघरा नदी में ब्रिज नहीं होना बहुत बड़ी समस्या है। जिसको देखते हुए प्रशासन द्वारा इस नदी में ब्रिज स्वीकृति कर दिया गया है। जिसका टेंडर भी हो गया है। बरसात के बाद संभवत: नदी पर बिर्ज बनने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। सीओ द्वारा ग्रामीणों को जानकारी दिए जाने के बाद ग्रामीण काफी खुश हो गए क्योंकि घाघरा नदी में ब्रिज नहीं होने के कारण कटिया, जमती , बोरांग कठ , ठोकवा आसन पानी सहित दर्जनभर गांव बरसात के दिनों में टापू में तब्दील हो जाते हैं। गांव के लोग नदी में सिचाई के लिए बनाए गए चेक डैम के सहारे जान को जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं, जिससे इस वर्ष आसन पानी निवासी लला बहादूर नगेसिया साइकिल के साथ नदी में गिर गया था, जिससे उसको चोट भी लगी थी।वही जमटी निवासी सुनील उरांव का ऑटो पानी में बह गया जो अब तक बरामद नहीं हुआ है जबकि बेरी टोली निवासी किशुन उरांव का तीन बैल की नदी में बहा कर मौत हो गई . जिससे गांव के लोग काफी परेशान थे। ग्रामीणों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष घाघरा नदी में बाढ़ आने पर कुछ ना कुछ घटना हो जाती है। अब तक कई लोगों की मौत भी हो गई है। जिस कारण गांव के लोग तंग आकर वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिए थे। परंतु अब पुल बनने की जानकारी मिलने के बाद गांव के लोग काफी खुश हो गए हैं।

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