लूट की रुपयों के बंटवारे को लेकर सनातन की हुई थी हत्या, दो गिरफ्तार

संवाद सूत्र कामडारा (गुमला) कामडारा थाना क्षेत्र के गांव कुलीगढ़ा पुल पर दो दिन पूर्व धारद

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 08:43 PM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 08:43 PM (IST)
लूट की रुपयों के बंटवारे को लेकर सनातन की हुई थी हत्या, दो गिरफ्तार
लूट की रुपयों के बंटवारे को लेकर सनातन की हुई थी हत्या, दो गिरफ्तार

संवाद सूत्र, कामडारा (गुमला): कामडारा थाना क्षेत्र के गांव कुलीगढ़ा पुल पर दो दिन पूर्व धारदार हथियार से हत्या कर एक युवक के शव को फेंक दिया गया था। युवक की पहचान नहीं हो पाई थी। शव की पहचान होने के बाद कामडारा पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। बसिया के एसडीपीओ विकास आनंद लागूरी ने शनिवार को कामडारा थाना परिसर में प्रेसवार्ता में बताया कि शव का पहचान नहीं होने के कारण शव को पोस्टमार्टम कक्ष के शीत गृह में रखा गया था। इसी बीच रनिया थाना क्षेत्र के उड़ीकेल निवासी सुसारन कोनगाड़ी और सुशीला कोनगाड़ी ने कामडारा थाना पहुंचे और मृतक अपने पुत्र सनातन कोनगाड़ी के रुप में पहचाना। मृतक की मां सुशीला कोनगाड़ी के फर्द बयान पर मामला दर्ज किया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने पोजे निवासी संदीप सुरीन को पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर रांची बिरसा चौक से गिरफ्तार किया। हत्या कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए संदीप ने बताया कि वर्ष 2018 में उसने सनातन कानगाड़ी के साथ मिलकर तोरपा थाना क्षेत्र में एक पल्सर बाइक व पचास हजार रुपये लूटे थे। मृतक सनातन बंटवारा का रुपये उसे नहीं दे रहा था जिसके कारण कुलीगढ़ा पुल के पास टांगी से मारकर उसकी हत्या कर दी। इस घटना में उसका जीजा भिनसेंट तोपनों गांव कुल्डा सेरेंगटोली थाना तोरपा(खूंटी) निवासी ने भी साथ दिया था। इसकी निशानदेही पर पुलिस ने भिनसेंट को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त स्कूटी और घटना स्थल से खून लगा हुआ टांगी बरामद किया है। ऐसे दिया वारदात को अंजाम :

गांव कुलीगढ़ा हत्याकांड को अंजाम देने के पहले आरोपितों ने गांव पोजे में बैठकर हत्या की वारदात को अंजाम देने की योजना तैयार की। उसके बाद आरोपी संदीप अपने जीजा भिनसेंट तोपनों के साथ एक स्कूटी पर सवार होकर गांव उड़ीकेल रनिया थाना क्षेत्र में 23 अगस्त की शाम करीब छह बजे पहुंचा। उसके बाद वहां से सनातन कोनगाड़ी को घर से हंडिया पिलाने का बहाना बनाकर स्कूटीपर बैठाकर अपने साथ ले गए। अंबापकना पाकुट होते हुए लगभग रात नौ बजे के आसपास कुलीगढ़ा ले गये थे। वही पर पुल पर बैठा हुआ सनातन तोपनों को आरोपितों ने पीछे से सिर पर टांगी से मारकर हत्या कर दी थी।

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