लोकतंत्र गढ़ने में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का रहा अधिक योगदान
सिसई विधानसभा क्षेत्र से मतदान के मिले ट्रेंड से जहां प्रत्याशियों में आशा और निराशा के भाव झलक रहे हैं सबसे अहम बात यह रही कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने लोकतंत्र को गढ़ने और उसकी जड़ें मजबूत करने में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। इस विधानसभा क्षेत्र में पुरुष मतदाताओं की संख्या अधिक होने के बावजूद कम संख्या वाले मतदाताओं ने अधिक मतदान किए हैं। महिलाओं में लोकतंत्र का प्रेम उमड़ाघुमड़़ा है। अपने को सशक्त बनाने वाली महिलाएं लो
रमेश कुमार पाण्डेय, गुमला : सिसई विधानसभा क्षेत्र से मतदान के मिले ट्रेंड से जहां प्रत्याशियों में आशा और निराशा के भाव झलक रहे हैं, सबसे अहम बात यह रही कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने लोकतंत्र को गढ़ने और उसकी जड़ें मजबूत करने में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। इस विधानसभा क्षेत्र में पुरुष मतदाताओं की संख्या अधिक होने के बावजूद कम संख्या वाले मतदाताओं ने अधिक मतदान किए हैं। महिलाओं में लोकतंत्र का प्रेम उमड़ा है। अपने को सशक्त बनाने वाली महिलाएं लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए सारा काम काज छोड़कर सुबह सुबह ही मतदान केंद्रों की कतार में खड़ी हो गई थी। अपने मत डालने की बारी आने का इंतजार कर रही थी। पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव अपने ससुराल के दतिया बुथ पर न सिर्फ मतदान करने पहुंची थी बल्कि उनको देखकर बहुत सारी महिलाएं घर से निकल पड़ी और उस मतदान केंद्र पर मताधिकार का उपयोग किया। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या दो लाख 33 हजार 885 है। जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 117726 है। इनमें से 80230 पुरुषों ने मतदान में भाग लिया। इसी विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं की संख्या 16158 है। इनमें से 80745 महिलाओं ने वोट डाले। पुरुष मतदाता के मतदान का प्रतिशत 68.15 रहा वहीं महिला मतदाताओं के मतदान का फीसद 69.51 रहा। जाहिर सी बात है कि महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने में न सिर्फ सक्रियता दिखाई बल्कि जागरुकता का भी परिचय दिया। लोकतंत्र को मुस्कान देने में महिला मतदाताओं का अहम योगदान रहा है। कुछ ऐसे मतदान केंद्र हैं जहां मतदाताओं की तुलना में पुरुष आगे रहे हैं। जिन मतदान केंद्रों पर महिला मतदाताओं ने अपने मतदाधिकार का जमकर प्रयोग किया है उनमें बररी, चापी, बोडो चापाटोली पश्चिमी, मादा, अड़को उत्तरी, अड़को दक्षिणी, भुरसो पूर्वी आदि मतदान केंद्रों के नाम शामिल हैं। इस संबंध में उपायुक्त शशि रंजन कहते हैं कि आदिवासी बहुल क्षेत्र की महिलाओं में सजगता और जागरुकता आई है। कर्तव्य निर्वह्न करने की गंभीरता बढी है। समाज के लिए महिलाओं का आगे आना एक शुभ संकेत हैं।