सरहुल पर कोरोना से मुक्ति के लिए की गई कामना

लीड-------------- जिले में सादगी से मना प्रकृति पर्व सरहुल पाहनों ने कराई पूजा-अर्चना नहीं निकल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 10:09 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 10:09 PM (IST)
सरहुल पर कोरोना से मुक्ति के लिए की गई कामना
सरहुल पर कोरोना से मुक्ति के लिए की गई कामना

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जिले में सादगी से मना प्रकृति पर्व सरहुल, पाहनों ने कराई पूजा-अर्चना, नहीं निकली शोभायात्रा

जागरण टीम,गुमला : गुमला और ग्रामीण अंचलों में गुरुवार को प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का पर्व सरहुल श्रद्धा भक्ति आस्था और विश्वास के साथ मनाया गया। कोरोना काल के कारण सरना स्थलों में बिना भीड़-भाड़ के विधि विधान से पूजा की गई। पहान पुजार बैगा आदि ने श्रद्धा भक्ति के साथ सरना माता की पूजा की और सुख शांति समृद्धि के साथ सृष्टि को कोरोना से मुक्ति के लिए सरना माता से कामना की। सरहुल में सरना व पाठ स्थल पर प्रकृति की पूजा होती है। गुमला के मुख्य सरना दुंदुरिया, सरनाटोली सरना, वन विभाग सरना के अलावे पालकोट रोड टेंपो स्टैंड और स्टेट बैंक के समीप स्थित पाठ स्थल आदि में पहान पुजार पूरे मनोभाव से पूजा की। केन्द्री सरहुल संचालन समिति द्वारा उरांव क्लब दुंदुरिया के समीप कुरा पहान के नेतृत्व में पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर सागर उरांव, कमल उरांव, सुखबिहारी उरांव, प्रदमुन भगत, मंगलाचारण उरांव आदि ने पूजा की। कुरा ने घड़ा में रखे पानी देखकर इस वर्ष अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की। कोरोना काल के कारण सरहुल का उत्सव नहीं मना गया। अंचल क्षेत्र में भी सादगी पूर्ण वातावरण में सरना स्थलों पर प्रकृति की पूजा की गई। कामडारा के लतरा सरना स्थल पर प्रकृति का पर्व सरहूल कोरोना गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए मनाया गया। चामू पहान के नेतृत्व में विधिवत पूजा अर्चना की गई। पूजा स्थल पर उतर व दक्षिण दिशा पर दो घड़ा मे पानी भरकर इस वर्ष होने वाली बारिश क अनुमान लगाया गया कि। पहान ने कहा कि शुरुआत में बारिश कम होगी परंतु मध्य मे अच्छी बारिश होने की संभावना बनी रहेगी। मांदर के थाप व क्षेत्रीय लोक गीत के साथ लोगों ने सरहूल पर्व पर अपना खुशी का इजाहार किया। शोभायात्रा नहीं निकाली गई। मौके पर भांडू मुंडा, निरल आईंद,चांडे़ मुंडा आदि उपस्थित थे। डुमरी में शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए डुमरी सरना स्थल में बीरबल बैगा, मंगरा बैगा, कीनू बैगा, बसंत बैगा ने धरती और सरना माता की पूजा की। सुख शान्ति के लिए प्रार्थना किया। पूजारीन सुखमनी देवी के नेतृत्व में पूजा स्थल पर सरना प्रार्थना गीत व भजन गाए गए। प्रसाद का वितरण किया गया। मौके पर समिति के अध्यक्ष जगरनाथ भगत, अकलू भगत,बिरेन्द्र भगत, हेमंत भगत, सुधीर भगत, वासुदेव भगत सहित सरना धर्मावलंबी उपस्थित थे। बसिया में प्रकृति का पर्व सरहुल सादगी के साथ सरना स्थल व अखाड़ा में पूजा किया गया। वैश्विक महामारी के कारण सरहुल महोत्सव फीका रहा। बसिया के लुझु पतरा सरना स्थल में पाहन बिरसा खड़िया द्वारा पूजा संपन्न कराया गया। कोनबीर रेफरल अस्पताल के समीप सरहुल अखाड़ा में भी पूजा किया गया। कार्तिक भगत,बिहारी पहान,लक्षमन उरांव,सन्त कुमार उरांव,विनय पहान,मनोहर तिर्की,बंदी तिर्की,शंकर किडो,पीसी बड़ाईक,बिरमुनी उरांव,चंपू उरांव,पूनम उरांव,ललिता उरांव,चन्द्रमुनि उरांव आदि शामिल थे।

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