सरना स्थल से पेड़ की डाली काटे जाने से हुआ विवाद

गुमला: गुमला थाना क्षेत्र के पनसो गांव में सरना स्थल स्थित आम के पेड़ की डाली काटे जाने से दो स

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Mar 2018 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 12 Mar 2018 03:00 AM (IST)
सरना स्थल से पेड़ की डाली काटे जाने से हुआ विवाद
सरना स्थल से पेड़ की डाली काटे जाने से हुआ विवाद

गुमला: गुमला थाना क्षेत्र के पनसो गांव में सरना स्थल स्थित आम के पेड़ की डाली काटे जाने से दो समुदाय के बीच तनाव उत्पन्न हो गया। एक समुदाय के लोगों ने पेड़ की डाली काटने के आरोपी नफीस अंसारी के घर को क्षतिग्रस्त कर दिया। सैकड़ों की संख्या में पारंपरिक हथियार से लैस होकर लोग घर को घेर लिया। कुछ लोग छत पर चढ़ गए और कुछ घर के अंदर प्रवेश कर गए तथा घर में रखे एक एक सामान को तोड़-फोड़कर नष्ट कर दिया। इस दौरान घर में मौजूद महिलाएं जान बचाकर भाग निकली। सूचना पर पुलिस दल बल के साथ गांव पहुंची तथा मामले की जानकारी ली। शनिवार को गांव के नफीस अंसारी ने सरना स्थल पर स्थित आम के पेड़ की डाली काट ली। डाली काटने की सूचना शनिवार की शाम में ही ग्रामीणों को हुई। लेकिन ग्रामीण सुबह का इंतजार करने लगे। सुबह होने पर ग्रामीण एक जगह एकत्र हुए तथा इस संबंध में आरोपी नफीस से जानकारी लेने उसके घर पहुंचे। घर पर मौजूद नफीस के पिता सुलतान अंसारी ने बताया कि वह घर पर नहीं है। इसके बाद ग्रामीण वापस लौट गए। थोड़ी देर बाद सौ की संख्या में ग्रामीण एकत्र हुए है और नफीस के घर पर हमला बोल दिया। घर में रखे एक-एक सामान को तोड़ दिया। छत को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद ग्रामीण वापस घर लौट गए।

तीन घंटे तक दोनों पक्ष के साथ पुलिस ने की बैठक

घटना की सूचना के बाद गांव पहुंची पुलिस ने दोनों समुदाय के लोगों को बैठाया। लेकिन बात नहीं बनी। दोनों समुदाय के प्रबुद्ध लोग मामले को यहीं खत्म करना चाह रहे थे। लेकिन कुछ उग्र युवा वर्ग मानने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि नफीस अंसारी अकसर इस तरह की घटना को अंजाम देता है। लेकिन हम सब नजर अंदाज कर देते हैं। जबकि प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि एक ही गांव में सभी को रहना है इसलिए जो घटना हो गया उसे भूल जाना ही अच्छा है। नफीस द्वारा भी दुबारा ऐसी घटना नहीं करने के लिए बांड लिखवा लिया जाएगा। एक समुदाय इसे आस्था से जुड़ा बताकर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की बात कह रहा था। जबकि दूसरे पक्ष के युवक भी घर में हमला कर सामान को क्षतिग्रस्त करने की प्राथमिकी करने की बात पर अड़े थे। बैठक स्थल पर भीड़ कम होने पर प्रबुद्धों द्वारा ही कहा गया कि गांव में मामले की सुनवाई नहीं हो सकेगी। थाना में ही दोनों पक्ष के चुने हुए दस दस लोग बैठेंगे वहीं मामले का निष्पादन की कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों के इस निर्णय के बाद सदर थानेदार राकेश कुमार सिन्हा, सब इंस्पेक्टर तीर्थराज तिवारी व पुलिस बल के जवान लौट गए।

गांव के युवक ने काटी थी डाली

इधर पेड़ की डाली काटने का आरोपी नफीस के पिता सुलतान अंसारी ने बताया कि गांव के झनकु उरांव ने पेड़ की डाली काटी थी। वह मजदूर के रूप में काम कर रहा था। इसी दौरान कुआं के किनारे खंभा लगाने के लिए डाली काटी थी। डाली काटने के बाद वह इंकार कर दिया और सारा आरोप नफीस पर लगा दिया। इससे आदिवासी समुदाय के लोग उग्र हो गए।

महिलाओं का रो-रो कर था बुरा हाल : घर व घर में रखे सामान को क्षतिग्रस्त करने के बाद घर की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था। महिलाएं यह कह रही थी कि घर का एक-एक सामान को नष्ट कर दिया। घर रहने लायक भी नहीं रहा। घर में रखे बक्से को भी तोड़ा गया और आभूषण व रूपये की भी चोरी कर ली गई है।

सदर थाना में दोनों पक्षों की हुई बैठक : मामले को लेकर शाम को सदर थाना में दोनों समुदाय के बीच बैठक की गई। जिसमें बीडीओ शंकर एक्का , सीओ महेंद्र कुमार, थाना प्रभारी राकेश कुमार, सब इंस्पेक्टर तीर्थ राज तिवारी आदि ने दोनों पक्षों की बातों को सुना तथा उनकी मंशा जानी। दोनों पक्ष के अधिकांश लोगों ने मामले को शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त कराने का प्रस्ताव रखा। जबकि कुछ सदस्य क्षतिग्रस्त हुए घर व सामान का हर्जाना की मांग किया। बैठक में दोनों पक्षों का झुकाव आपसी समझौता की तरफ था।

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