कोरोना से हुई सेवानिवृत्त एसआइ की मौत, ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार का किया विरोध, अब भी प्रखंड में पड़ा है शव

संवाद सूत्र बिशुनपुर ( गुमला) कोरोना संक्रमित सियार टोली निवासी सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर ऐल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 10:16 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 10:16 PM (IST)
कोरोना से हुई सेवानिवृत्त एसआइ की मौत, ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार का किया विरोध, अब भी प्रखंड में पड़ा है शव
कोरोना से हुई सेवानिवृत्त एसआइ की मौत, ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार का किया विरोध, अब भी प्रखंड में पड़ा है शव

संवाद सूत्र, बिशुनपुर ( गुमला) : कोरोना संक्रमित सियार टोली निवासी सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर ऐलकसूस लकड़ा (65) की मौत कोरोना से रविवार को गुमला सदर अस्पताल में हो गई। लेकिन उनके अंतिम संस्कार में बखेड़ा खड़ा हो गया। प्रशासन की ओर से चिह्नित श्मशान घाट में ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार नहीं करने दिया। उसके बाद चार अन्य स्थानों पर दफनाने या अंतिम संस्कार का प्रयास हुआ लेकिन ग्रामीण नहीं माने। ग्रामीणों ने उन्हें रिश्तेदारों को उन्हें अपनी जमीन पर भी दफनाने नहीं दिया गया। अंत में हार कर स्वजन ट्रैक्टर पर शव वापस लेकर प्रखंड कार्यालय आ गए और शव वहीं ट्रैक्टर रखा हुआ है।

क्या है मामला

सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर ऐलकसूस लकड़ा के स्वजनों के बताया कि लकड़ा की तबीयत चार दिन पूर्व खराब हुई थी। उसके बाद मरीज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिशुनपुर लाया गया था। जहां चिकित्सकों के निर्देश पर कोरोना सैंपल लिया गया। फिर बेहतर इलाज के लिए गुमला सादर अस्पताल ले गए। जहां उनका इलाज चल रहा था। इधर दो दिन पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से आई रिपोर्ट में एलेकसूस लाकड़ा को पाजिटिव पाया गया। रविवार को इलाज के दौरान सदर अस्पताल में उनकी मौत हो गई। इधर संक्रमित मृतक का शव शाम पांच बजे एंबुलेंस से बिशुनपुर पहुंचा। उसके बाद स्वजनों ने अंतिम संस्कार के लिए शव को प्रशासन की ओर से चयनित श्मशान घाट मुदांर डैम ले गए। जहां स्थानीय मुंदार गांव व आसपास के ग्रामीणों ने उक्त स्थल पर शव जलाने का विरोध करने लगे। ट्रैक्टर में संक्रमित शव में घंटों घूमता रहा

गुमला सदर अस्पताल से शव लेकर मुंदार गांव एंबुलेंस पहुंचा लेकिन ग्रामीणों का विरोध देखते हुए मुंदार डैम के समीप शव को उतार कर एंबुलेंस चालक चला गया। स्वजनों द्वारा ग्रामीणों के विरोध करने के बाद जेहन गुटवा गांव में दफनाने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद ट्रैक्टर में उसे लादकर परिजन जेहन गुटवा गांव पहुंचे वहां भी गांव के लोगों ने कोरोना संक्रमित को गांव में दफनाने का विरोध किया। इसके बाद मृतक के रिश्तेदार ने अपने स्वयं की जमीन पर उसे दफनाने की बात कही लेकिन गांव वालों ने कहा कि किसी भी सूरत पर गांव में संक्रमित का शव को दफनाने नहीं दिया जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन ने श्मशान चिन्हित किया है तो प्रशासन वहां पर शव को क्यों नहीं जलवा रही है। ग्रामीणों के विरोध के बाद मृतक का शव ट्रैक्टर से फिर मुख्यालय के बहेरा डीपा के समीप लाया गया परंतु बिशुनपुर व चेड़ा के ग्रामीणों ने भी विरोध शुरू कर दिया। हालांकि संक्रमित का शव घंटों इधर-उधर घूमता रहा लेकिन प्रखंड प्रशासन का कोई भी अधिकारी वहां नहीं पहुंचा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वजनों को सिर्फ पीपी किट उपलब्ध कराया गया था जिसे पहन कर स्वजन ट्रैक्टर में शव को लादकर इधर-उधर घुमा रहे थे। खबर लिखे जाने तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं हो सका था। कोट

गाइडलाइन के अनुसार परिजन अपने गांव में दाह संस्कार कर सकते हैं।

छंदा भट्टाचार्य, प्रखंड विकास पदाधिकारी- बिशुनपुर

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