दो दिनों तक अस्पताल परिसर में पड़ा रहा लावारिस शव

ऐसे तो कहा गया है कि जिसका कोई नहीं उसका खुदा है यारो..। मगर गुमला पुलिस के लिए यह कथन चरितार्थ नहीं हो रहा है। सदर अस्पताल में पिछले दो दिनों से एक लावारिस व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है। सिसई की ओर से आयी पुलिस ने उस लावारिस व्यक्ति की हालत खराब देखकर सोमवार की शाम में इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल पहुंचाने का काम किया था। अस्पताल में भर्ती कर लिया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। अस्पताल के कर्मचारियों ने उस व्यक्ति के शव को सीढ़ी के नीचे बरामदा में लाकर रख दिया। सदर अस्पताल के एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी को सरकारी पत्र देकर गुमला

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 11:07 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 11:07 PM (IST)
दो दिनों तक अस्पताल परिसर में पड़ा रहा लावारिस शव
दो दिनों तक अस्पताल परिसर में पड़ा रहा लावारिस शव

गुमला : ऐसे तो कहा गया है कि जिसका कोई नहीं उसका खुदा है यारो..। मगर गुमला पुलिस के लिए यह कथन चरितार्थ नहीं हो रहा है। सदर अस्पताल में पिछले दो दिनों से एक लावारिस व्यक्ति का शव पड़ा रहा। सिसई की ओर से आई पुलिस ने उस लावारिस व्यक्ति की हालत खराब देखकर सोमवार की शाम में इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल पहुंचाया था।

अस्पताल में भर्ती कर लिया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। अस्पताल के कर्मचारियों ने उस व्यक्ति के शव को सीढ़ी के नीचे बरामदा में लाकर रख दिया। सदर अस्पताल के एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी को सरकारी पत्र देकर गुमला थाना भेजा गया, जिसमें अज्ञात व्यक्ति की मृत्यु की चर्चा की गई है। जब चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी डाक लेकर गुमला थाना पहुंचा तो वहां ड्यूटी पर तैनात दारोगा ने डाक लेने से ही इंकार कर दिया। कहा, लावारिस के परिवार के सदस्यों को कहां से खोजेंगे। शव किसके हवाले करेंगे। इसलिए पत्र पर हस्ताक्षर पर नहीं करुंगा। कर्मचारी लौट कर अस्पताल पहुंच गया। उसने सिविल सर्जन और अस्पताल अधीक्षक को थाना वालों की बात से अवगत करा दिया। अस्पताल प्रशासन भी ¨ककर्तव्यविमुढ़ बना है। बुधवार को दोपहर बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजवाया जा सका। क्या कहते हैं एसपी

एसपी अंशुमान कुम कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक

अस्पताल उपाधीक्षक डॉ.आरएन यादव का कहना है कि उन्होंने 13 नवंबर को ही गुमला के थाना प्रभारी राकेश कुमार को अज्ञात बीमारी के मरने की जानकारी दी थी। उन्हें तीन चार बार अगले दिन भी फोन किया गया। उनका यही जवाब था कि अब पुलिस भेज रहे हैं, तब भेज रहे हैं। क्या कहते हैं एसपी

एसपी अंशुमान कुमार ने कहा कि लावारिश व्यक्ति के शव की पहचान कराने के लिए सीआईडी से भी मदद ली जाता है। आस पास के लोगों से भी पहचान कराने का प्रयास किया जाता है। मामले में वे स्वयं जांच पड़ताल करेंगे। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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