अपरिचालित अवधि का टैक्स माफ करने की मांग

जागरण संवाददातागुमला गुमला जिला के बस मालिक गहरे आर्थिक संकट में फंस गए हैं। जागरण संवाददातागुमला गुमला जिला के बस मालिक गहरे आर्थिक संकट में फंस गए हैं। लॉकडाउ जागरण संवाददातागुमला गुमला जिला के बस मालिक गहरे आर्थिक संकट में फंस गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 10:14 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 06:15 AM (IST)
अपरिचालित अवधि का टैक्स माफ करने की मांग
अपरिचालित अवधि का टैक्स माफ करने की मांग

जागरण संवाददाता,गुमला : गुमला जिला के बस मालिक गहरे आर्थिक संकट में फंस गए हैं। लॉकडाउन के कारण बसों का परिचालन सरकारी आदेश से बंद हैं। बस मालिकों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। पहला नुकसान यह है कि बसों के परिचालन नहीं होने के कारण जहां बैंकों के कर्ज का भुगतान करना संभव नहीं हो रहा है वहीं कर्ज का ब्याज भी बढ़ता जा रहा है। दूसरा नुकसान यह हुआ कि जिला प्रशासन से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए बसों का अधिग्रहण किया था। बस परिचालन दिवस की राशि का भुगतान का फरमान जारी किया था। लेकिन भुगतान के लिए भी बस मालिकों को कार्यालय का चक्कर काटना पड़ा। अपरिचालित दिवस का भुगतान स्टाफ को करना पड़ा। गुमला जिला बस ऑनर एसोसिएशन के सचिव महेश कुमार लाल, मनोज मंत्री, रमेश कुमार चीनी, मधुप कुमार मधुकुर, शिव प्रसाद सोनी, निर्मल गोयल और राजेश जायसवाल आदि ने बताया कि स्थिति सामान्य होने तक लगने वाले परिवहन कर को माफ किया जाए। तभी जाकर बस मालिकों को राहत मिल सकती है। मोटर परिवहन नियम 2001 में भी प्रावधान है कि अपरिचालित वाहन से कर नहीं लेना है। इन लोगों ने बताया कि सरकार के समक्ष प्रदेश एसोसिएशन द्वारा लिखित और मौखिक आग्रह कर अपरिचालित वाहनों का कर माफ करने का आग्रह किया गया है लेकिन सरकार के आदेश से वाहन कर की मांग की जा रही है । अभी तक माफ नहीं किया गया है। प्रदेश बस ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिदानंद सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में बस मालिकों द्वारा सांकेतिक प्रतिकार करने और ज्ञापन देकर अपरिचालित वाहनों का टैक्स माफ करने का ज्ञापन जिला परिवहन पदाधिकारी को सौंपने का निर्णय लिया गया है। यदि कर माफ नहीं हुआ तो परिवहन व्यवसायी कर भुगतान नहीं करने को बाध्य होंगे। जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी।

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