युवाओं के लिए आज भी प्रेरणास्त्रोत हैं आजाद

गुलाम देश में आजादी का परवाज एक मात्र अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद ही थे। चंद्रशेखर आजाद से दूसरा न तो पहले कभी हुआ और ना ही बाद में। महान क्रांतिकारी भारत मां के सचे सपूत अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर उक्त बातें राष्ट्रीय विभूति मंच के संस्थापक सदस्य राजेश झा ने कही।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 08:52 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 08:52 PM (IST)
युवाओं के लिए आज भी प्रेरणास्त्रोत हैं आजाद
युवाओं के लिए आज भी प्रेरणास्त्रोत हैं आजाद

जासं, गोड्डा : गुलाम देश में आजादी का परवाज एक मात्र अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद ही थे। चंद्रशेखर आजाद से दूसरा न तो पहले कभी हुआ और ना ही बाद में। महान क्रांतिकारी भारत मां के सच्चे सपूत अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर उक्त बातें राष्ट्रीय विभूति मंच के संस्थापक सदस्य राजेश झा ने कही। मंच के तत्वावधान में शनिवार को शहर के पुराना पोस्ट ऑफिस चौक पर स्थित आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय विभूति मंच के सचिव झा ने कहा कि आजादी के महानायक आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। उनकी निर्भीकता और वीरता का बखान आज भी पूरे देश में होता है। युवाओं में लोकप्रिय चंद्रशेखर आजाद ने आज ही के दिन 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों से लड़ते लड़ते स्वयं अपनी गोली से अपने आपको मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी थी। आजाद कहा करते थे कि दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे। आजाद हैं और आजाद ही रहेंगे और इस प्रण को उन्होंने आजीवन निभाया भी। मौके पर पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह ने कहा कि आजाद बड़े ही साहसी और मातृभूमि के दीवाने थे। अन्य वक्ताओं में सर्वजीत झा, योग प्रशिक्षक मनोज कुमार टुडू, प्रो ओमप्रकाश मंडल, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक माधव चौधरी, अधिवक्ता रवि शंकर झा ,दीप नारायण साह, अतुल कुमार दुबे, दिलीप परशुराम का ,नरेंद्र मिश्रा सुनील सिंह ,सुरजीत झा, अमित राय , सुजीत दुबे, मोहम्मद अफरोज, नितेश सिंह बंटी, निखिल झा आदि शामिल थे। धन्यवाद ज्ञापन सीताराम राउत ने किया।

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