चालू होने से पहले दरकने लगे आंगनबाड़ी की दीवारें
मेहरमा प्रखंड के विभिन्न गांवों के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र को अपना सरकार
संवाद सहयोगी, मेहरमा : प्रखंड के विभिन्न गांवों के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र को अपना सरकारी भवन नहीं है। इस कारण कई केंद्र या तो सेविका के घर पर या भाड़े के मकान में चल रहा है। कहीं भवन बना भी है तो वर्षो बाद भी उसे विभाग के हाथों नहीं सौंपा गया है। नवनिर्मित भवन वर्षो से बेकार पड़े रहने के कारण अधिकतर भवन की स्थिति जर्जर हो गई है। इसमें से प्रखंड अंतर्गत मानगढ़ गांव का भी एक आंगनबाड़ी भवन है। जो करीब आठ साल बाद भी चालू नहीं हुआ। आलम यह है कि इन दिनों इसका पिछला हिस्सा काफी क्षतिग्रस्त हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में समाज कल्याण मद से, 13वें वित्त आयोग द्वारा एजेंसी एनआरइपी से करीब साढ़े छह लाख रुपये की लागत से भवन का निर्माण कराया गया। विभागीय उपेक्षा के कारण भवन यूं हीं पड़ा रहा। बारिश में पानी जमा होने के कारण भवन का पिछला हिस्सा काफी क्षतिग्रस्त हो गया।
इस संबंध में आंगनबाड़ी सेविका स्वीटी कुमारी ने बताया कि भवन निर्माण के बाद उसे बाल विकास परियोजना कार्यालय को नहीं सौंपा गया था। इस कारण उसमें से केंद्र का संचालन नहीं किया जा सका। संवेदक पूनम देवी ने बताया कि वर्ष 2013 में प्राक्कलन के अनुसार भवन का निर्माण कराया गया। भवन के पिछले दीवार से सटे तालाब में बीते दिनों अधिक बारिश होने से पानी जमा हो गया। इस कारण उसके क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है। बताया कि निर्धारित समय सीमा के अंदर भवन निर्माण कार्य पूरा कर उसे एनआरईपी को सौंप दिया गया था।