जन जागरूकता से ही साइबर अपराध पर अंकुश : एसपी
जासं गोड्डा जिले के पुलिस कप्तान शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल ने कहा है कि जन जागरूकता से ही साइबर अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है। साइबर अपराध का केंद्र बिन्दु संतान परगना भी रहा है। साइबर अपराध के अधिकांश मामले बैंक और एटीएम कार्ड से ठगी के संबंधित हैं। इसके लिए किसी भी अपरिचित लोगों के फोन कॉल में अपने वित्तीय मामले का डिटेल कभी भी शेयर नहीं करें। साइबर अपराधी खुद को बैंक अधिकारी बता कर लोगों से सूचनाएं लेता है
गोड्डा : जिले के पुलिस कप्तान शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल ने कहा है कि जन जागरूकता से ही साइबर अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है। साइबर अपराध का केंद्र बिन्दु संतान परगना भी रहा है। साइबर अपराध के अधिकांश मामले बैंक और एटीएम कार्ड से ठगी के संबंधित हैं। इसके लिए किसी भी अपरिचित लोगों के फोन कॉल में अपने वित्तीय मामले का डिटेल कभी भी शेयर नहीं करें। साइबर अपराधी खुद को बैंक अधिकारी बता कर लोगों से सूचनाएं लेता है, इसके बाद ही वह अपने मकसद में कामयाब होता है। ऐसे फोन कॉल पर लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। पुलिस अधीक्षक वर्णवाल ने उक्त बातें शुक्रवार को जिले के सभी थाना प्रभारी, अनुसंधानकर्ता व सभी कंप्यूटर ऑपरेटरों के साथ अपराध एवं आपराधिक ट्रैकिग नेटवर्क प्रणाली (सीसीटीएनएस) से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला में कही। इससे पूर्व एसपी ने पुलिस अधिकारियों के साथ अपराध की समीक्षा भी की।
पुलिस अधीक्षक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सीसीटीएनएस भारत सरकार द्वारा संचालित एक एप्लीकेशन है, जिसके तहत जिले के सभी थानों को इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, जिससे सभी थानों में सीसीटीएनएस के माध्यम से न्यायालय कार्यों में काफी तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि सीसीटीएनएस के माध्यम से सभी थानों में ऑनलाइन नोटिस भेजी जाएगी। कार्यशाला के दौरान पुलिस अधीक्षक ने क्राइम कंट्रोल एप, आईसीजीएस एवं जेओएफएस के बारे में विस्तृत जानकारी दी। आईसीजीएस एप्लीकेशन के माध्यम से किसी भी आपराधिक छवि के लोगों के बारे में डिटेल काफी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। क्राइम कंट्रोल एप्स के माध्यम से चोरी गए वाहन, ड्राइवरी लाइसेंस, आपराधिक इतिहास, थाने में दर्•ा की गई किसी भी एफआईआर को तत्काल देखा जा सकता है। सीसीटीएनएस के माध्यम से वारंट, कुर्की और इश्तेहार का त्वरित निष्पादन भी किया जा सकता है। उन्होंने फेसबुक एवं व्हाट्सएप जैसे सोशल साइट में फैल रहे अफवाहों को कैसे रोका जाए एवं साइबर क्राइम को कम करने की तरीके की जानकारी दी। मौके पर मुख्यालय डीएसपी केके सिंह, इंस्पेक्टर कमलेश्वर पांडेय सहित अन्य मौजूद थे। कार्यशाला के दौरान प्रोजेक्टर से पुलिस अधिकारियों को पूरी तकनीकी ट्रेनिग भी दी गई।