बारिश के बाद खतरनाक हुआ एनएच133, आवागमन में परेशानी
जासं गोड्डा / संसपोड़ैयाहाट गोड्डा-हंसडीहा भाया पोडै़याहाट एनएच 133 की हालत इन दिनों बद से बदतर हो गई है। दो दिनों की बारिश ने इस रोड का और भी खस्ता हाल कर दिया है। गोड्डा- हंसडीहा मुख्य मार्ग में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं तथा पिचिग का ऊपरी भाग उखड़ गया है। इससे आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। यह मार्ग गोड्डा जिले की लाइफ लाइन है । कभी यह रोड जिले के बेहतर रोड में शुमार था । इसे 133 राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा भी प्राप्त है । बावजूद इसके सही देखरेख नहीं होने से जगह-जगह रोड
गोड्डा / संस,पोड़ैयाहाट : गोड्डा-हंसडीहा भाया पोडै़याहाट एनएच 133 की हालत इन दिनों बद से बदतर हो गई है। दो दिनों की बारिश ने इस रोड का और भी खस्ता हाल कर दिया है। गोड्डा- हंसडीहा मुख्य मार्ग में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं तथा पिचिग का ऊपरी भाग उखड़ गया है। इससे आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। यह मार्ग गोड्डा जिले की लाइफ लाइन है । कभी यह रोड जिले के बेहतर रोड में शुमार था । इसे 133 राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा भी प्राप्त है । बावजूद इसके सही देखरेख नहीं होने से जगह-जगह रोड पर गड्ढा हो गया है। पोड़ैयाहाट के हरियारी के पास तो सड़क पर तो घुटने भर का गड्ढा है। इसमें आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार लोग हो रहे हैं। इतना ही नहीं हरियारी, भटौंधा, सुगाबथान के अतिरिक्त पोडै़याहाट बाजार में भी रोड में जगह जगह गड्ढे हैं। बीते शुक्रवार और शनिवार को हुई बारिश से जगह-जगह जलजमाव एवं गड्ढे हो गए है। हादसे का खतरा बना हुआ है। जिला का सबसे व्यस्ततम मार्ग : गोड्डा- हंसडीहा मुख्य मार्ग जिला के लिए लाइफलाइन है और सबसे व्यस्ततम मार्ग है । गोड्डा जिला को शेष झारखंड से जोड़ने का यह एकमात्र मुख्य पथ यही है। बावजूद इस पथ का रखरखाव बहुत ही निम्न दर्जे का है। जिले के आला अधिकारी भी दुमका, देवघर या रांची इसी पथ से होकर जाते हैं। बहुत शिकायत होने पर गड्ढे में पत्थर डालकर मिट्टी से भर दिया जाता है जो आठ-दस दिन के अंदर ही फिर उसी स्थिति में आ जाती है। कई लोगों ने आरोप लगाया है कि रखरखाव के नाम पर मिलने वाले आवंटन को विभागीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट कर लिया जाता है और जिसका परिणाम है कि सड़क लगातार जर्जर होती जा रही है। चालक व यात्रियों का दर्द सुनिए सरकार : इस रोड में सवारी करने वाले चालक एवं दैनिक यात्री रोड की दयनीय स्थिति से काफी दुखी हैं। स्टैंड किरानी खुदीराम का कहना है कि आए दिन इस सड़क पर दुर्घटनाएं होती है। कई गाड़ियां पलट गई है तो कई गाड़ियां का गुल्ला टूटते रहता है। यह सब रोड के खराब रहने के कारण होता है। टोटो चालक प्रदीप मोहली कहते हैं कि सड़क जानलेवा बन गई है। जहां तहां गड्ढा है और एकाएक सामने में गड्ढा आने से गाड़ी अनियंत्रित हो जाती है। जिससे गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है। गाड़ी में खराबी आने से आर्थिक बोझ भी पड़ता है। चालक सद्दाम हुसैन ने कहा कि छोटी गाड़ियों का चलना इस रोड में मुश्किल हो गया है। गोड्डा से हंसडीहा की दूरी 32 किमी है और जाने में समय डेढ घण्टे का लगता है। 32 किलोमीटर की दूरी में 30 से रोड ब्रेकर है और वह रोड ब्रेकर राष्ट्रीय राज्य पथ के मानकों पर खरा नहीं उतरता है। यात्री महेंद्र पोद्दार की माने तो पहले इस रोड पर कम समय में ही लोग अपने गंतव्य पर पहुंच जाते थे लेकिन अब ऑफिस जाने के लिए बहुत पहले ही घर से निकलना पड़ता है।
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गत वित्तीय वर्ष में ही गोड्डा-हंसडीह एनएच 133 की मरम्मत के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था। इस बार उक्त सड़क के फोरलेन बनने की बात थी। गोड्डा सांसद की ओर से इसके लिए केंद्र सरकार में पहल की गई है। अब तक एनएचएआइ से कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है। आशा है कि अप्रैल में मरम्मत कार्य के लिए विभाग कुछ आवंटन दे सकता है ताकि फोरलेन बनने तक उसे दुरुस्त रखा जा सके। यह रोड अति व्यस्त रहता है। हैवी ट्रैफिक है। लिहाजा इसका फोरलेन होना अब जरूरी हो गया है। - रवींद्र सिंह, कार्यपालक अभियंता, एनएच डिवीजन, देवघर।