बारिश में नहीं हुआ जल संचयन, बंदनवार में गहराया पेयजल संकट

संवाद सहयोगी गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड की रानीपुर पंचायत के ग्रामीण क्षेत्रों में प

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 06:07 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 06:07 PM (IST)
बारिश में नहीं हुआ जल संचयन, बंदनवार  में गहराया पेयजल संकट
बारिश में नहीं हुआ जल संचयन, बंदनवार में गहराया पेयजल संकट

संवाद सहयोगी, गोड्डा : जिले के पथरगामा प्रखंड की रानीपुर पंचायत के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा है। भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। गांव का चापाकल भी अब खराब होने लगा है। कुआं का भी पानी सूख रहा है। पठारी क्षेत्र होने के कारण यहां सालों भर जल संकट पहले से ही बना रहता है। पंचायत के गांव बंदनवार सबसे अधिक आबादी वाला गांव है। यहां के आसपास क्षेत्र में पोखर की अधिकता है। बावजूद इसका जल गर्मी आने से पहले ही सूख जाता है। इस कारण भूजल स्तर नियंत्रित नहीं रह पाती है। सरकार की योजना के तहत गांव में दो सोलर संयंत्र लगाकर पानी सप्लाई की व्यवस्था की गई है, जो नाकाफी साबित हो रही है। सोलर यंत्र ऐसी जगह पर लगा दिया गया है जो गांव की महज दो सौ आबादी ही लाभान्वित हो पाती है जबकि गांव की आबादी लगभग पांच हजार है। ऐसे में अधिकांश आबादी चापाकल पर या दूर बहियार से पानी लाकर अपनी प्यास बूझाती है। गांव में अबतक सुनियोजित तरीके से पेयजल सप्लाई की व्यवस्था नहीं की गयी है। जबकि अधिकांश चापाकल खराब पड़ा हुआ है। ऐसे में ग्रामीणों को आसपास के क्षेत्र से पानी लाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। आसपास के तालाब व बांध में भी जल संरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं है। परिणाम यह है कि तालाब व बांध का अस्तित्व भी खतरे में पड़ता जा रहा है। अगर समय रहते इन जलाशयों का जीर्णोद्धार नहीं कराया जाता है। तो कुछ वर्षों में यह भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ सकता है। क्या कहते हैं ग्रामीण :

पंचायत क्षेत्र के बंदनवार निवासी आंनद नारायण दुबे,राघवेन्द्र दुबे, सुधांशु शेखर दुबे, शोभाकांत तिवारी, आंदन कुमार आदि का कहना है कि इस पंचायत में बंनदनवार, लौगाय, रानीपुर एवं डुमिरया है। इस क्षेत्र में अनेक पोखर हैं। गांव के दामोदर पोखर सहित अन्य पोखरों की खुदाई नहीं होने के कारण बरसात के बाद पोखर का पानी सूख जाता है। इस कारण भूजल नियंत्रित नहीं रह पाता है। कुछ तालाब में थोड़ा पानी है तो उससे मवेशियों को पानी पिलाने में उपयोग किया जाता है।

यह पंचायत विकास के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। यहां की अधिकांश आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुजर- बसर कर रही है। सरकार की अधिकांश योजनाएं इन गांवों तक आते- आते दम तोड़ने लगती है। यही कारण है कि ग्रामीणों को आज भी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। किसी भी जन प्रतिनिधि को ग्रामीणों की समस्याओं से कोई लेना- देना नहीं है। चुनाव के समय में ही ग्रामीणों के समक्ष समस्याओं के निष्पादन की बात करते हैं। लेकिन जीतने के बाद ऐसे में सभी को परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जल समस्याओं निष्पादन की मांग की है। पेयजल समस्या के निराकरण को लेकर के लिए सतत प्रयासरत हैं। जगह- जगह सोलर सिस्टम से पानी मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है। कुछ जगहों पर सोलर सिस्टम की जरुरत है। उसके लिए योजना स्वीकृत होने के बाद प्राथमिकता के साथ कार्यान्वित कराया जाएगा। : किरण देवी, मुखिया, रानीपुर, पंचायत, पथरगामा।

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