बोदरा पंचायत में नहीं होगा जल संरक्षण, गर्मी में पेयजल संकट
संवाद सहयोगी गोड्डा बैसाख की गर्मी के पूर्व ही जिले के बसंतराय प्रखंड की बोदरा पंचायत
संवाद सहयोगी, गोड्डा : बैसाख की गर्मी के पूर्व ही जिले के बसंतराय प्रखंड की बोदरा पंचायत के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा है। पठारी क्षेत्र रहने के कारण इन क्षेत्रों में सालों भर पेयजल की किल्लत बनी रहती है। बरसात में आसपास के तालाब में जल संग्रहण हो जाने पर ग्रामीणों को सिचाई व मवेशियों के पीने के लिए पानी उपलब्ध हो जाता है। इस दौरान अगर यहां जल संचयन के लिए पंचायत स्तर पर प्रयास किया गया होता तो शायद आज की तारीख में ग्रामीणों को बूंद बूंद पानी के लिए नहीं भटकना पड़ता। जल संरक्षण की दिशा में यहां सरकार योजनाओं की स्थिति काफी बदतर है।
मार्च के बाद गर्मी शुरू होने के साथ ही सभी तालाब सूखने लग जाते हैं। ऐसे में आसपास के किसानों व मवेशियों के समक्ष पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। इस पंचायत क्षेत्र के भूजल में फ्लोराइड की मात्रा अधिक रहने के कारण पानी को प्रदूषित घोषित कर दिया गया है। तत्काल चापाकल में मशीन लगाकर पानी को शुद्ध किया जा रहा है। पेयजल मुहैया कराने को लेकर गेरुआ नदी से पानी लाकर पिलाया जायेगा। इसके लिए वाटर ट्रिटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो रहा है। जबतक पानी की सप्लाई नहीं होती है। तबतक ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग : स्थानीय सदानंद मिश्रा, बैकुंठ सिंह, किकर कुमार, अभिषेक, ललन कुमार आदि कहना है इस क्षेत्र में गर्मी शुरू होते ही सभी तालाब सूख जाते हैं। ऐसे में भूजल स्तर तेजी से नीचे जाने लगता है। सबसे अधिक समस्या मवेशियों को हो गई है। पानी पिलाने के लिए मवेशियों को दूर गांव के पोखर व छिलका में ले जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में किसानों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। सरकार को इस दिशा में ध्यान देने की जरुरत है। ऐसे में अब कुआं या तालाब के पानी से ही प्यास बुझा रहे हैं। ग्रामीण दूर बहियार के कुआं से पेयजल लाकर अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं । वर्जन : वाटर ट्रिटमेंट प्लांट से शीघ्र ही पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जायेगी। पानी में फ्लोराइड रहने के कारण बोरिग व चापाकल से भी दूषित पानी निकलने का खतरा बना रहता है। : रामकृष्ण सिंह, मुखिया, बोदरा पंचायत