आस्था का केंद्र बने रत्नेश्वरनाथ धाम मंदिर

संवाद सहयोगी गोड्डा रत्नेश्वर नाथ धाम जिला मुख्यालय में शिवपुर मुहल्ला स्थित कझिया नदी के

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 05:48 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 05:48 PM (IST)
आस्था का केंद्र  बने रत्नेश्वरनाथ धाम मंदिर
आस्था का केंद्र बने रत्नेश्वरनाथ धाम मंदिर

संवाद सहयोगी, गोड्डा : रत्नेश्वर नाथ धाम जिला मुख्यालय में शिवपुर मुहल्ला स्थित कझिया नदी के मनोरम तट के समीप विराजमान है। यह शिव मंदिर इस क्षेत्र के तमाम श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां सालों भर श्रद्धालु अपनी मनोकामना मांगने आते हैं। सावन माह में यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। सावन की प्रत्येक सोमवार को यहां गंगा नदीयच के विभिन्न घाटों से कांवरिया पैदल चलकर जलाभिषेक करते हैं। सामन मास में मंदिर व आसपास का क्षेत्र बोलबम, हर हर महादेव के नारे व भक्ति के गानों से गुंजायमान रहता है। ऐतिहासिक पृष्टभूमि : मान्यता के अनुसार रत्नेश्वर नाथ धाम मंदिर के शिवलिग की स्थापना पांच सौ साल पूर्व साधुओं के शिव लिग खोजी टोली ने किया था। कहा जाता है कि मंदिर परिसर में पहले नागमणी की रोशनी होती थी। इस जगह की खुदाई करने पर शिवलिग की प्राप्ति हुई । इसी से इस धाम का नामांकरण रत्नेश्वर नाथ धाम किया गया। इसके बाद तत्कालीन समय के बनैली स्टेट की ओर से मंदिर सहित शिवगंगा की स्थापना कराई गई। इसके बाद अन्य भक्तों व जमींदारों की ओर से धर्मशाला की स्थापना की गई और आध्यात्मिक कार्यों में गति आई।

सावन माह में भी भोले बाबा का अभिषेक व पूजन आम दिनों की तरह जारी रहेंगा। इस बार सावन में लाकडाउन के कारण बोल बम कांवरियों का जत्था के आने की सूचना नहीं है। ऐसे में स्थानीय लोग ही पूजा अर्चना कर सकेंगे। कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए सभी आध्यात्मिक कार्यक्रम होंगा। - गोपाल ठाकुर, पुजारी, रत्नेश्वर धाम,गोड्डा

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