अकीदत के साथ मना ईद मिलादुन्नबी का पर्व
जासं गोड्डा गोड्डा जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंडों में मंगलवार को पूरी सादगी और ऐहतराम
जासं गोड्डा : गोड्डा जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंडों में मंगलवार को पूरी सादगी और ऐहतराम के साथ जश्न-ईद-मिलाद-उन-नबी का पर्व मनाया गया। कहीं भी जुलूस आदि नहीं निकाला गया। शहर के मदीना मस्जिद में मिलाद, सलातो सलाम, फातेहा और दुआ का आयोजन किया गया। साथ ही क्षेत्रीय उलेमाओं ने हिस्सा लेकर अपने-अपने अंदाज में दुनिया के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलेही व आलेही वसल्लम की जीवनी पर प्रकाश डाला। बारिश के बावजूद भी छतरी लेकर मस्जिद में अकीदतमंदों ने आखरी पैगंबर साहब की जीवनी को सुना।
पैगंबर साहब के जन्मदिन के मौके पर हर साल जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी मनाया जाता है। अल्लाह ताला कुरान में फरमाते है कि हजरत मोहम्मद साहब को सारे जहां के लिए रहमतुल्लाह आलमीन बनाकर भेजा है। उनकी आंखों पर फिदा चांद सितारे होंगे, जिनके किस्मत में मदीना के नजारे होंगे। तकरीर में मौलाना असजद रजा मिस्बाही, इमाम मदीना मस्जिद, मौलाना अब्दुर रज्जाक, मौलाना अनवर साहेब, मौलवी आबिद रजा, हाफिज हसीबुल्लाह, हाफिज मुजीब साहेब जाहिद इकबाल आदि इस पाक मौके पर मौजूद थे।
इधर, पथरगामा प्रखंड के विभिन्न गांव में मंगलवार को मिलादुन्नबी का पर्व मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा अकीदत के साथ मनाया गया। लोग मस्जिद में जाकर नमाज अदा किए। उसके बाद आसपास के घरों में सिरनी बांटा गया। जामा मस्जिद रानीपुर के इमाम हाजी गुलाम हैदर ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के लोग अपने-अपने घरों में हजरत मोहम्मद साहब का जन्म मनाया। पथरगामा प्रखंड के बांसभीठा, रूपुचक, सियारडीह, चौरा, पडुवा, बेलसर, सुरनिया, फसिया, काला डुमरिया, माछीटांड़ आदि गांव के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन को हर्ष और उत्साह पूर्वक मनाया।