शहर में मना बाबू कुंवर सिंह का विजयोत्सव
जागरण संवाददाता गोड्डा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाल
जागरण संवाददाता, गोड्डा : 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले 80 वर्षीय अमर शहीद बाबू कुंवर सिंह ने अंग्रे•ाी सेना को पराजित करके 23 अप्रैल, 1858 को जगदीशपुर में विजय दिवस मनाया था। उस दिन से हर साल 23 अप्रैल को विजयोत्सव मनाने की परंपरा रहा है। शुक्रवार को गोड्डा में भारत माता के वीर सपूत बाबू कुंवर सिंह का विजयोत्सव मनाया गया। शहर के वीर कुंवर सिंह चौक पर स्थित उनकी प्रतिमा पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के बैनर तले माल्यार्पण कर नमन करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। उनके कृतियों को याद करते हुए देश को आगे ले जाने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर भारत भारती पब्लिक स्कूल के संयोजक सह राष्ट्रीय करणी सेना के जिलाध्यक्ष प्रलय कुमार सिंह, स्थानीय जनप्रतिनिधि मुखिया परमानंद साह, राष्ट्रीय करणी सेना के सचिव नीतेश कुमार सिंह, कई खेल संघों के सचिव सह राष्ट्रीय करणी सेना के उपाध्यक्ष सुरजीत झा और निखिल कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे । कोविड-19 गाइडलाइंस और आपदा प्रबंधन के तहत सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिति रही। वक्ताओं ने आगामी वर्ष एक भव्य प्रतिमा स्थापित करने का भी संकल्प लिया। कुंवर सिंह कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अशोक कुमार सिंह जो विगत वर्ष इस आयोजन में उपस्थित थे। आज इस दुनिया में नहीं हैं, उन्हें श्रद्धांजलि दी गई क्योंकि बीते बुधवार को ही उनका निधन हो गया था। वक्ताओं ने कहा कि बिहार के शाहाबाद (भोजपुर) जिले के जगदीशपुर गांव में जन्मे कुंवर सिंह ने अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिए हिदू और मुसलमानों के साथ मिलकर कदम बढ़ाया और 80 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया। जब वे जगदीशपुर जाने के लिए गंगा पार कर रहे थे तभी उनकी बांह में एक अंग्रेजों की गोली आकर लगी। उन्होंने अपनी तलवार से कलाई काटकर नदी में प्रवाहित कर दिए। इस तरह से अपनी सेना के साथ जंगलों की ओर चले गए और अंग्रे•ाी सेना को पराजित करके 23 अप्रैल, 1858 को जगदीशपुर पहुंचे।