जान मेरी, अर्थी प्रशासन की

जागरण संवाददाता गोड्डा गोड्डा जिले में कोरोना की भयावह स्थित सामने आ रही है। अप्रैल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 04:56 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 04:56 PM (IST)
जान मेरी, अर्थी प्रशासन की
जान मेरी, अर्थी प्रशासन की

जागरण संवाददाता, गोड्डा : गोड्डा जिले में कोरोना की भयावह स्थित सामने आ रही है। अप्रैल माह में ही अब तक आधिकारिक आंकड़े के अनुसार दस लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं इतनी ही संख्या में गैर सरकारी आंकड़े भी है जिनकी मौत जिले के बाहर हुई है। कोविड से मौत के बाद ऐसे भी मौके आए हैं कि शव के अंतिम संस्कार को स्वजन तैयार नहीं होते हैं, ऐसे में जिला प्रशासन के समक्ष अंतिम संस्कार करने की जिम्मेवारी आ जाती है। इसे देखते हुए गोड्डा जिला प्रशासन ने शहर के शिवपुर स्थित हटिया परिसर में रह रहे मोहली परिवारों को अर्थी बनाने का आर्डर दिया है। मोहली परिवार पारंपारिक रूप से बांस के सामान बना कर बेचते हैं। आर्डर लेने वाले जग्गा मोहली और उनकी पत्नी चांदनी देवी का कहना है कि प्रशासन की ओर से उन्हें 100 अर्थी बनाने का आर्डर दिया गया है। प्रति अर्थी 1500 रुपये की दर से इसे तैयार किया जा रहा है। जग्गा और चांदनी के बच्चे उक्त अर्थी पर खेलकूद भी कर रहे हैं। इन मासूमों को नहीं पता कि यह मौत के बाद इंसान की अंतिम यात्रा का सवारी है। कोविड प्रोटोकॉल के लिए जरूरी : नप अध्यक्ष

नगर परिषद अध्यक्ष जितेंद्र कुमार का कहना है कि चचरी बनाने का आदेश जिला प्रशासन की ओर से दिया गया है। यह कोविड प्रोटोकॉल के लिए जरूरी भी है। देर रात तक किसी की मौत कोरोना संक्रमण से हो जाती है तो अपनों भी साथ छोड़ देते हैं, ऐसे में अगर प्रशासन शव के सम्मान जनक अंतिम संस्कार के लिए अपनी तैयारी नहीं रखेगा तो अफरा तफरी की स्थिति उत्पन्न होगी। कोविड प्रोटोकॉल के तहत कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद संबंधित अंचलाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार किया जाता है।

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जिला प्रशासन शव को सम्मानजनक तरीके से दाह संस्कार कराने के लिए कटिबद्ध है। प्रशासनिक अधिकारी विकट स्थिति में अपनों से बढ़कर भूमिका निभाते हैं और कोविड प्रोटोकॉल के तहत दिवंगत मरीज का अंतिम संस्कार करवाते हैं। प्रशासन इसके साथ ही कोविड मरीजों के इलाज के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। जिले में ऑक्सीजन की कमी दूर कर ली गई है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बीते तीन दिनों से दिन रात ड्यूटी कर सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर की उपलब्धता सुनिश्चित करा पाए हैं। संक्रमण की रफ्तार अधिक है। ऐसे में सभी तरह की तैयारी जरूरी है। - भोर सिंह यादव, डीसी, गोड्डा।

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