साल के अंतिम दिन 170 बिल पास, 4.65 करोड़ की मंजूरी

जागरण संवाददाता गोड्डा वित्तीय वर्ष के समापन पर बुधवार को जिला कोषागार में इस बार बिल प

By JagranEdited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 07:26 PM (IST) Updated:Wed, 31 Mar 2021 07:26 PM (IST)
साल के अंतिम दिन 170 बिल पास, 4.65 करोड़ की मंजूरी
साल के अंतिम दिन 170 बिल पास, 4.65 करोड़ की मंजूरी

जागरण संवाददाता, गोड्डा : वित्तीय वर्ष के समापन पर बुधवार को जिला कोषागार में इस बार बिल पास कराने की आपाधापी नहीं देखी गई। विभिन्न विभागों में गैर योजना मद के आवंटन को संबंधित विभाग के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों ने पूर्व में ही पीएल(परमानेंट लेजर) एकाउंट में डाल दिया था, जिस कारण अंतिम दिन विपत्र पास कराने की होड़ नहीं देखी गई।

कल्याण विभाग को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए मिले 11 करोड़ रुपये के आवंटन से संबंधित बिल बीते तीन दिनों में पारित कर दिए गए थे। अंतिम दिन कुल 170 बिल के विरुद्ध चार करोड़ 65 लाख रुपये का आवंटन स्वीकृत किया गया। काम नहीं होने के कारण मोतिया-डुमरिया पीडब्ल्यूडी रोड में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की राशि विभाग को सरेंडर की गई। वहीं वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में पथ निर्माण विभाग को सरकार ने विभिन्न योजना मद में करीब 10 करोड़ की राशि मुहैया कराई है। जिसका विपत्र स्वीकार कर लिया गया है। उक्त आवंटन के विरुद्ध विभाग ने खर्च की गई राशि का बिल इसी माह पास करा लिया। प्रधानमंत्री टपक सिचाई योजना(ड्रीप एरीगेशन) में इस वर्ष जिला को दो करोड़ रुपये की राशि का आवंटन मिला था। लेकिन महज 30-35 लाख रुपये खर्च हो पाया। करीब एक करोड़ 65 लाख रुपये का आवंटन सरेंडर हो गया। जिला कृषि पदाधिकारी डॉ रमेंश चंद्र सिन्हा के अनुसार जिले में 50 हजार रुपये तक के ऋण की माफी के लिए 48 हजार किसानों का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन अबतक सिर्फ 8 हजार किसानों के केवाईसी ही विभाग के पोर्टल में अपलोड हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि ऋण माफी में राशि सरेंडर होने जैसी कोई बात नहीं है। संबंधित किसानों के खाते में राज्य मुख्यालय से ही ऋण माफी की रकम भेजी जाएगी। वित्तीय वर्ष के समापन के दौरान भवन प्रमंडल व भूमि संरक्षण विभाग के आवंटन के सरेंडर होने की सूचना है। झारनेट का सर्वर डाउन होने के कारण देर शाम तक विपत्रों को ऑनलाइन स्वीकृत करने की प्रक्रिया जारी रही। जिला कोषागार पदाधिकारी प्रतिभा कुजूर ने बताया कि विभागीय स्तर पर लगातार पत्राचार करने और आवंटन के खर्च का विपत्र समय पर कोषागार में जमा करने के कारण इस बार अंतिम दिन बिल पास कराने की कोई आपाधापी नहीं रही। अंतिम दिन कुल 170 बिल के विरुद्ध चार करोड़ 65 लाख रुपये की राशि की निकासी की गई है।

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