अमर प्रेम को अखंड तप का पर्व मधुश्रावणी शुरू

गोड्डा अमर प्रेम के लिए मिथिला के ब्राह्माण समाज में मधुश्रावणी पूजा का बड़ा ह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:58 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:58 PM (IST)
अमर प्रेम को अखंड तप का पर्व मधुश्रावणी शुरू
अमर प्रेम को अखंड तप का पर्व मधुश्रावणी शुरू

संवाद सहयोगी, गोड्डा : अमर प्रेम के लिए मिथिला के ब्राह्माण समाज में मधुश्रावणी पूजा का बड़ा ही महत्व है। नवविवाहिता सुखद दाम्पत्य जीवन के लिए 14 दिनों तक अखंड तपस्या कर ईश्वर से प्रार्थना करतीं हैं। 28 जुलाई को यह पूजा शुरू हो गई जो 11 अगस्त तक निरंतर चलेगा। हर दिन मिथिला की परंपरा के अनुसार भगवान भोले शंकर व माता पार्वती की पूजा करेंगी। गोड्डा जिले में मिथिला के ब्राह्माणों की संख्या ज्यादा है, यही कारण है कि इस पूजा का आभास हर गली मुहल्ले में हो रहा। हालांकि इस पूजा को कोरोना के प्रोटोकाल से कोई मतलब नहीं, क्योंकि यह पूजा घर में ही रह कर की जाती है, वो भी बिना भीड़ भाड़ के। इस पूजा में नवविवाहिता की सबसे बड़ी भूमिका होती है। भोलेशंकर व पार्वती के दांपत्य की जीवन की तरह अपने जीवन को सुखमय बनाने की कामना लेकर महिलाएं यह व्रत करतीं हैं। आकर्षक ढंग से पारंपरिक कोहवर को सजा, मिट्टी के शिवलिंग बना कर विधिवत पूजा का विधान है।

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