एफपीओ से किसानों को अधिक फायदा : वैज्ञानिक
गोड्डा किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) किसानों का एक ऐसा समूह होता है जो फसल उत्पादन क
गोड्डा : किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) किसानों का एक ऐसा समूह होता है जो फसल उत्पादन के साथ-साथ कृषि से जुड़ी तमाम व्यावसायिक गतिविधियां चलाता है। ऐसे में एफपीओ से किसानों को न सिर्फ अपनी फसल बेचने की सुविधा मिलती है बल्कि कृषि उपकरण के साथ-साथ खाद, बीज, उर्वरक जैसे तमाम उत्पाद भी अच्छी गुणवत्ता और उचित मूल्य में मिलते हैं। एक एफपीओ में कम से कम 300 किसान सदस्य हों, इनमें भी महिला किसानों का अधिकतम प्रतिनिधित्व होना चाहिए। उक्त बातें कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. रितेश दुबे ने प्रसार ने बुधवार को
ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में प्रसार कार्यकर्ताओं के दिवसीय 'किसान उत्पादक संगठन का गठन एवं महत्व' विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही।
उन्होंने किसान उत्पादक संगठन का निर्माण, उद्देश्य, मिशन, किसान उत्पादक संगठन के कार्य क्षेत्र के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक एफपीओ में 50 प्रतिशत छोटे, सीमान्त और भूमिहीन किसान शामिल होंगे। इसके अलावा प्रत्येक एफपीओ के उसके काम के अनुरूप 15 लाख रुपए का अनुदान भी दिया जाएगा। इसके लिए देश भर की सहकारी समितियां एफपीओ के गठन में सहयोग करेंगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि में निवेश को बढ़ाया जा सके। लघु कृषक कृषि व्यापार संघ और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड ) देश में किसान उत्पादक संगठनों के गठन और उनको बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे हैं। सभी प्रसार कार्यकर्ताओं को अमरूद का पौधा वितरित किया गया। प्रशिक्षण में प्रेमलता, रूपा, किशोर कुमार झा, शीतल सोरेन, मो.इरशाद सरवर, रंजीत मुर्मू, श्रवण कुमार पंडित, कुंदन ठाकुर, मो. कुर्बान अंसारी, रविन्द्र सोरेन, मधुसूदन मरांडी, मुनीलाल सोरेन आदि प्रसार कार्यकर्ता शामिल हुए।