पीड़ितो ने बुलंद किया रोड नहीं तो राहत नहीं का नारा

यह नजारा कहीं और का नहीं बल्कि आदिवासी गांव डोमनचक का है जहां संपूर्ण ग्रामीण एक स्वर से रोड नहीं तो राहत नहीं का नारा बुलंद कर रहे हैं। लोगों

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 07:20 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:15 AM (IST)
पीड़ितो ने बुलंद किया रोड नहीं तो राहत नहीं का नारा
पीड़ितो ने बुलंद किया रोड नहीं तो राहत नहीं का नारा

संवाद सूत्र, मेहरमा : यह नजारा कहीं और का नहीं बल्कि आदिवासी गांव डोमनचक का है जहां संपूर्ण ग्रामीण एक स्वर से रोड नहीं तो राहत नहीं का नारा बुलंद कर रहे हैं। लोगों ने बाढ़ राहत के तहत मिलने वाले सूखा राशन सहित अन्य सामान लेने से साफ इन्कार कर दिया है। ग्रामीण महिला, पुरुष एवं बच्चे अपनी चिर परिचित मांग को तख्ती में लिखकर रोड नहीं तो राहत नहीं का नारा बुलंद कर पानी में खड़े होकर गुरुवार को विरोध जताते रहे। इस संबंध में जानकारी देते हुए पंचायत के मुखिया जवाहर लकड़ा ने बताया कि प्रखंड प्रशासन द्वारा सूखा राहत पैकेट लगभग 30 परिवारों के बीच उक्त गांव के प्रभावित लोगों के बीच वितरण करने को दिया गया था। पंचायत सेवक एवं कई वार्ड सदस्य साथ थे, परंतु गांव में जब प्रवेश किया सभी व्यक्तियों ने एक स्वर से राहत पैकेट लेने से इंकार कर दिया एवं रोड की मांग को आगे रखा। मुखिया जवाहर लकड़ा ने बताया कि इसकी सूचना प्रखंड विकास पदाधिकारी को दे दी गई है। मालूम हो कि ग्रामीणों द्वारा 2 वर्ष पूर्व भी रोड नहीं तो वोट नहीं की बात लिखित रूप से ग्रामीण पूरन मरांडी की अगुवाई में ग्रामीणों ने हस्ताक्षर युक्त आवेदन पूर्व के बीडीओ को दिया था। डोमनचक गांव में सड़क नहीं बनने से लोगों में काफी गुस्सा है। करीब 500 आबादी वाला आदिवासी बहुल गांव में बीते 3 दिनों से लगातार बारिश के बाद कोवा एवं ढोलिया नदी के जलस्तर में वृद्धि हो जाने की स्थिति के कारण पूरे गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। स्कूल के आसपास करीब 4 फीट पानी जमीन के सतह से ऊपर है। कई घरों के क्षति होने की सूचना है। विधायक दीपिका सिंह पांडेय इस इस संबंध में बताया कि आदिवासी गांव डोमनचक के लोगों को सड़क की अत्यंत आवश्यकता है, इसके अलावा कुछ अन्य गांव है,जो सड़क विहीन हैं सभी पर पैनी निगाह है। बरसात के बाद डोमनचक की सड़क बन जाएगी। फिलहाल बाढ़ से हुए नुकसान पर प्रशासन की ओर से जो भी राहत पैकेज या अन्य आवश्यक चीजें मुहैया कराई जा रही है, ग्रामीणों से गुजारिश है कि वे लेने से इंकार न करें।

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