झुंड में बिछड़ा हाथी पहुंचा गोड्डा, वन विभाग ने दुमका में कराया प्रवेश

संवाद सहयोगी गोड्डा जिला के सुंदरपहाड़ी प्रखंड के डमरू हाट के पास शुक्रवार की देर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:31 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:31 PM (IST)
झुंड में बिछड़ा हाथी पहुंचा गोड्डा, वन विभाग ने दुमका में कराया प्रवेश
झुंड में बिछड़ा हाथी पहुंचा गोड्डा, वन विभाग ने दुमका में कराया प्रवेश

संवाद सहयोगी, गोड्डा : जिला के सुंदरपहाड़ी प्रखंड के डमरू हाट के पास शुक्रवार की देर रात झुंड से बिछड़ा हाथी साहिबगंज के रास्ते आ धमका। डमरू हाट के पास जब लोगों ने हाथी को देखा तो आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई। वहीं इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना पाकर वन विभाग भी सक्रिय हो गया। वन विभाग के अनुसार झुंड से बिछड़ा हाथी काफी खतरनाक होता है। उसे टस्सर हाथी कहा जाता है। वन विभाग ने हाथी ड्राइव टीम की मदद से उसे सुंदरपहाड़ी के रास्ते दुमका के काठीकुंड जंगल की ओर से खदेड़ने की बात कही है।

इससे पहले रविवार की सुबह हाथी को सुंदरपहाड़ी के बारगो-सुसनी के पास देखा गया था। वहीं हाथी ड्राइव टीम मौजूद थी। कुछ देर रहने के बाद हाथी बांसलोई नदी होकर दुमका के काठीकुंड रेंज क्षेत्र में प्रवेश कर गया। इसके बाद हाथी ड्राइव टीम सुसनी से लौट गई लेकिन ऐहतियात के तौर पर हाथी के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। इस संबंध मिली जानकारी के अनुसार यह टस्सर हाथी अबतक लगभग दर्जन भर लोगों की जान इस साल ले चुका है जिसमें धनबाद में एक, जामताड़ा में एक, दुमका दो, पाकुड़ में दो व साहिबगंज में तीन लोगों की जान ले चुका है। वह भी एक महीने के अंदर। बताया जाता है इसी दौरान हाथी साहिबगंज के बरहरवा के रास्ते पश्चिम बंगाल चले गया था जहां फरक्का थाना क्षेत्र के चांदौर के पास दो लोगों मार दिये जाने की जानकारी है। इसके बाद से यह टस्सर हाथी फिर बंगाल से साहिबगंज के रास्ते झारखंड में प्रवेश कर गया जहां से शनिवार की देर रात यह गोड्डा आया है।

इस बाबत सहायक वन संरक्षक श्रीनिवास दुबे ने बताया कि बीती रात झुंड से बिचड़ा हाथी गोड्डा के सुंदरपहाड़ी रेंज में पहुंच गया था जहां से आज वह दुमका के काठीकुंड रेंज में बांसलोई नदी होते हुए सुसनी से चला गया है। बताया कि हाथी ड्राइव उसके मुवमेंट पर नजर रखे हुए है। इसके साथ ही वन संरक्षक ने कहा कि लोगों हाथी दूरी बनाकर रखे व उसके आसपास न जाय न ही किसी तरह से छेड़े। कहा कि सावधानी रखते हुए गांव के आसपास आग जलायें इससे हाथी गांव की ओर नहीं जायेगा। वही कहा कि अगर दुर्भाग्यवश हाथी किसी की ओर जा रहा है तो ऐसे लोग सीधा न चले बल्कि तीरछा व टेढ़ा चले ताकि हाथी पीछा न कर सके। झुंड से बिछड़ा हाथी उग्र व्यवहार करता है इससे दूरी रखने की जरूरत है। वन प्रबंधन ने बताया कि यह हाथी अबतक 9 लोगों की जान ले चुका है। वर्ष2019 में भी हाथी ने पोड़ैयाहाट व सदर प्रखंड में एक रोजगार सेवक समेत करीब पांच लोगों के जान ले ली थी। -------------------- हाथियों का झुंड गिरीडीह में गोड्डा: संताल परगना में हाथियों के झुंड का प्रवेश गिरिडीह से होता है जहां से हाथी जामताड़ा होकर दुमका प्रवेश करते है व दुमका से गोड्डा,साहिबगंज,पाकुड़ व बिहार के बांका तक जाता है। विभाग के अनुसार हाथियों का झुंड अभी गिरीडीह जंगल में है जबकि झुंड से बिछड़ा हाथी दुमका की ओर है। इस बाबत वन संरक्षक श्रीनिवास दुबे ने कहा कि जिस रास्ते पर बिछड़ा हाथी चल रहा है अगर यह चलता है तो गिरिडीह की ओर जा सकता है। अगर वापस होता है तो गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज कही भी जा सकता है। वन विभाग हाथी के मूवमेंट पर नजर रखे हुए है।

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