कलश स्थापन के साथ लोहंडिया बाजार में चैती नवरात्र प्रारंभ
संवाद सहयोगी ललमटिया लोहंडिया बाजार स्थित चैती दुर्गा मंदिर में नवरात्र के पहले दिन मा
संवाद सहयोगी, ललमटिया : लोहंडिया बाजार स्थित चैती दुर्गा मंदिर में नवरात्र के पहले दिन मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना आचार्य पंकज चतुर्वेदी के द्वारा की गई। आचार्य पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि हिदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी दिन से हिदू नव वर्ष यानि नव सम्वत्सर की भी शुरुआत होती है। उन्होंने बताया कि जो भक्त सच्ची श्रद्धा भक्ति से मां की भक्ति आराधना करते हैं उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री को सौभाग्य और शांति की देवी माना जाता है साथ ही मा शैलपुत्री हर तरह के डर और भय को भी दूर करती हैं और देवी मा की कृपा से व्यक्ति को यश, कीर्ति और धन की प्राप्ति होती है। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना महामारी के संक्रमण काल में मां देवी की पूजा अर्चना की जा रही है निश्चित रूप से मां देवी की कृपा उनके भक्तों पर रहेगी। कोरोना महामारी से लोगों को मुक्ति मिलेगी। सच्चे तन मन से मां की पूजा अर्चना कर लोगों ने कोरोना वायरस मुक्ति दिलाने की मनोकामना की। पूजा समिति के अध्यक्ष अशोक अवस्थी ने बताया कि कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए चैत्र नवरात्रि में लोहंडिया बाजार में केवल मां की पूजा अर्चना विधि विधान से की जा रही है। कोरोना महामारी के संक्रमण के कारण न तो मेला का आयोजन किया जाएगा और ना ही किसी प्रकार की भक्ति जागरण का कार्यक्रम होगी।चैत्र प्रतिपदा से ही भारतीय नववर्ष की शुरुआत होती है ।होती है ऐसा माना जाता है कि चैत्र प्रतिपदा से ही नवचेतना का शुरुआत होता है वनस्पतियों में नवचेतना आती है। हिदू समुदाय के लोग चैत्र प्रतिपदा को हिदू नव वर्ष के रूप में मानते हैं
चैत्र नवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे राम नवमी कहा जाता है।
चैत्र नवरात्र मैं मां की पूजा अर्चना की विधि व्यवस्था को लेकर श्री श्री 108 लोहंडिया बाजार चैती दुर्गा पूजा समिति के सचिव वशिष्ठ कुमार, कोषाध्यक्ष सुजीत तिवारी ,श्यामसुंदर तिवारी, दीनदयाल अवस्थी एवं समस्त लोहंडिया ग्राम वासियों की महत्वपूर्ण भूमिका देखी गई।