137 करोड़ खर्च होने पर भी सूखे हैं नहर के हलक

गोड्डा गोड्डा महागामा बोआरीजोर पोड़ैयाहाट पथरगामा समेत बसंतराय प्रखंड में किसानो

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 05:07 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 05:07 PM (IST)
137  करोड़ खर्च होने पर भी सूखे हैं नहर के हलक
137 करोड़ खर्च होने पर भी सूखे हैं नहर के हलक

गोड्डा :गोड्डा, महागामा, बोआरीजोर पोड़ैयाहाट, पथरगामा समेत बसंतराय प्रखंड में किसानों को सिचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए जल संसाधन विभाग की ओर से बीते तीन वर्षों से नहर परियोजना का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसके तहत अब तक महागामा में 77 करोड़ व पोड़ैयाहाट क्षेत्र में 60 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। बावजूद इसके किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने वाली नहर के हलक ही सूखे पड़े हैं। बोआरीजोर प्रखंड के राजाभिठा क्षेत्र के सुंदर जलाशय से निकली नहर महागामा, पथगरमा, बसंतराय प्रखंड के दर्जनों गांवों से होकर गुजरी है। लेकिन कई जगह अभी नहर में पानी ही नहीं पहुंचा है। संताल परगना में ऐसी एक दर्जन सिचाई परियोजनाएं लंबे कालखंड से लंबित हुई है। इन योजनाओं को प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना या जिला सिचाई योजना में शामिल कराने की वकालत सांसद निशिकांत दुबे कर चुके हैं। इसमें सबसे अहम चानन सिचाई परियोजना है जो बिहार व झारखंड से जुड़ी है। चानन डैम के पानी को गोड्डा में पक्की नहर के माध्यम से लाने पर काम चल रहा है। इसके अलावा 60.66 करोड़ की लागत वाली त्रिवेणी वीयर का कार्य भी चल रहा है। पोड़ैयाहाट के सुग्गाबथान में डैम बनाने की योजना खटाई में है। इसकी डीपीआर बनाने के लिए सर्वे कार्य का जनता ने विरोध कर दिया है। दूसरी ओर सुंदर जलाशय नहर परियोजना की स्वीकृति वर्ष 2016-17 में मिली थी। महागामा के पूर्व विधायक अशोक भगत की यह महत्वाकांक्षी योजना रही है। इसमें अब तक 77 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। लेकिन सुंदर जलाशय से निकली डिस्ट्रीब्यूटरी नहर में एक बूंद भी पानी नहीं पहुंचा है। यह नहर महगामा, बोआरीजोर सहित पथरगामा और बसंतराय प्रखंड के दर्जनों गांवों से होकर गुजरी है। जगह जगह नहर की खुदाई कर इसमें पक्कीकरण व लाइनिग का काम चल रहा है। स्थानीय किसानों को इसका लाभ कब मिलेगा । इसका जवाब विभाग के पास नहीं है। एजेंसियों की शिथिलता से योजनाएं प्रभावित : दो दशक पूर्व बनी नहर के जीर्णोद्धार का कार्य बीते तीन वर्षों से हो रहे हैं। विभागीय अधिकारियों की ओर से इसे एक साल में ही पूर्ण करने की बात कही गई थी। अब किसानों की आंखों पथरा गई है। केशोकीटर के जयकांत यादव, कोहवारा के रतन महतो, काला डुमरिया के एनूल अंसारी, चिलकारा के संतोष महतो, नीमचंद दास, प्रकाश दास, भुनेश्वर दास ने बताया कि वर्ष 2017-18 के दौरान नहर जीर्णोद्धार का कार्य जोरशोर से शुरू किया गया। लेकिन बाद में काम बंद हो गया। नहर में पानी तो पहुंचा ही नहीं। दर्जनों किसानों के खेतों से मिट्टी कटाई करने से उन्हें नुकसान पहुंचा।

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सुंदर जलाशय से मुख्य नहर का काम 80 फीसदी तक पूर्ण कर लिया गया है। कई जगह पक्कीकरण व लाइनिग का काम हो रहा है। परियोजना को 2022 तक पूर्ण करना है। गोड्डा की कझिया नदी तक चानन बीयर परियोजना से पानी पहुंचा दिया गया है।

उमाशंकर राम, कार्यपालक पदाधिकारी, जल संसाधन प्रमंडल गोड्डा

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