झमाझमा वर्षा से लोगों को मिली गर्मी से राहत

जिला में शुक्रवार की रात से रूक-रूक हो रही वर्षा के बाद जहां लोगों को भीषण गर्मी व उमस स

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 07:21 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:21 PM (IST)
झमाझमा वर्षा से लोगों को मिली गर्मी से राहत
झमाझमा वर्षा से लोगों को मिली गर्मी से राहत

जिला में शुक्रवार की रात से रूक-रूक हो रही वर्षा के बाद जहां लोगों को भीषण गर्मी व उमस से निजात मिली है वही दूसरी ओर वर्षा होने के बाद अब कृषि कार्य में तेजी आ गई है। दक्षिणी पश्चिमी मानसून के आगाज से गोड्डा जिला में बीते 24 घंटे से जमकर बारिश हो रही है। गोड्डा शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली कझिया नदी में जून माह में इस बार सर्वाधिक जल स्तर देखा गया। बंजर बनी कझिया नदी में पानी उतरने से लोगों में काफी खुशी है। इससे पहले जून माह के प्रथम सप्ताह में कझिया नदी में पानी बहते नहीं देखा गया है।

वहीं दूसरी ओर मौसम वैज्ञानिक ने भी आनेवाले समय में अगले तीन दिनों तक हल्के से मध्यम दर्जा के वर्षा की संभावना जताई है। शुक्रवार की रात से शुरू हुई वर्षा शनिवार की दोपहर तक रूक-रूक कर होती रही। कई जगह पर आज मुसलाधार वर्षा हुई है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला में शनिवार को 43 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई जहां गोड्डा प्रखंड में 54 मिमी, पथरगामा में 50 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है जबकि ठाकुरगंगटी में 80 मिमी व पोड़ैयाहाट 55 मिमी रिकार्ड की गई है। इस बाबत केवीके के मौसम वैज्ञानिक रजनीश प्रसाद ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून के प्रभाव से यह वर्षा हुई जहां राज्य व जिला में अगले 48 घंटा में मॉनसून के प्रवेश की संभावना है जहां इसके प्रभाव से और वर्षा आनेवाले दिनों में होगी। कहा कि जून के पहले पखवारे में अबतक सामान्य से कम वर्षा इस माह में हुई है लेकिन 15 जून व इसके बाद और वर्षा होगी इस दौरान मॉनसून भी सक्रिय रहेगा। वही दूसरी ओर वर्षा होने के बाद खरीफ की खेती में तेजी आ गई है किसान खेतों में बिचड़ा गिरा रहे है जबकि अन्य किसान खेत की जुताई कर रहे है। इस बाबत केवीके के वैज्ञानिक राकेश रंजन सिंह ने बताया कि हो रही वर्षा खरीफ के फसल के लिए फायदेमंद है। इससे मुंग की फसल को भी फायदा होगा वही किसान लंबी अवधि व कम अवधि की धान की फसल का बिचड़ा गिराने में विलंब न करें यह उपयुक्त समय है।कृषि विभाग ने इस बार 51 हजार हेक्टेयर भूमि पर धनरोपनी का लक्ष्य रखा है जबकि कुल 80 हजार से अधिक भूमि पर धान के साथ ही अन्य खरीफ फसल की खेती होगी।

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