आर्थिक तंगी से जूझ रहीं जल सहिया, विभाग नहीं ले रहा सुध

गिरिडीह इन दिनों अमीर-गरीब सभी वर्ग के लोग दुर्गापूजा की तैयारी में जुटे हैं। सभी अपने-अपन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Oct 2020 08:47 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 05:15 AM (IST)
आर्थिक तंगी से जूझ रहीं जल सहिया, विभाग नहीं ले रहा सुध
आर्थिक तंगी से जूझ रहीं जल सहिया, विभाग नहीं ले रहा सुध

गिरिडीह : इन दिनों अमीर-गरीब सभी वर्ग के लोग दुर्गापूजा की तैयारी में जुटे हैं। सभी अपने-अपने साम‌र्थ्य के अनुसार पूजा की तैयारी कर रहे हैं, वहीं जिले में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत कार्यरत जल सहिया आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं। उनके पास त्योहार मनाने के लिए पैसे नहीं हैं। 11 माह से मानदेय नहीं मिलने के कारण जल सहियाओं की स्थिति दयनीय हो गई है। विभाग भी उनकी सुध नहीं ले रहा है। इससे आक्रोशित जल सहिया धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल जैसे आंदोलन करने को विवश हो गई हैं। सोमवार से ये अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगी।

ढाई हजार से अधिक जल सहिया हैं कार्यरत : जिले के प्रत्येक गांव में एक-एक जलसहिया का चयन विभाग ने किया है। वर्तमान समय में पूरे जिला में करीब 2600 जल सहिया कार्यरत हैं। ये सभी नियमित रूप से काम तो करती हैं, लेकिन समय पर मानदेय सहित मिलनेवाली अन्य राशि का भुगतान नहीं किया जाता है। इनका मानदेय महज एक हजार रुपया प्रतिमाह है, लेकिन उसे देने में भी विभाग को पसीना उतर रहा है। मानदेय के अलावा प्रोत्साहन राशि और कमीशन का भी भुगतान लंबित है।

हो रही है परेशानी, मायूसी में बीतेगी पूजा : ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतमंद और गरीब महिलाएं जल सहिया चुनी गई हैं। इनमें से काफी ऐसी महिलाएं भी हैं, जिन पर घर-परिवार चलाने की पूरी जिम्मेदारी है। मानदेय नहीं मिलने के कारण इन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जल सहिया बसंती देवी ने बताया कि उम्मीद थी कि पूजा के पूर्व मानदेय सहित अन्य सभी बकाया राशि का भुगतान हो जाएगा, जिससे पूजा में आर्थिक तंगी नहीं झेलनी पड़ेगी, लेकिन विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है। अगर मानदेय नहीं मिला तो पूरे परिवार की पूजा मायूसी में बीतेगी। पूर्णिमा देवी ने कहा कि मानदेय का भुगतान नहीं कर विभाग सैकड़ों जल सहियाओं के साथ अन्याय कर रहा है। जल सहियाओं को अब तक मात्र एक बार ही साड़ी दी गई है, जबकि प्रत्येक वर्ष साड़ी मिलनी चाहिए। जल सहिया संघ के संरक्षक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि विभाग को एक ही मद से सभी तरह का भुगतान करना है। इसके लिए सरकार समय पर विभाग को आवंटन भी उपलब्ध करा देती है, जिसमें जल सहियाओं को मिलनेवाला मानदेय सहित अन्य राशि भी शामिल रहती है, लेकिन जल सहियाओं को मानदेय और प्रोत्साहन राशि न देकर विभाग वैसे कामों में पैसा खर्च करने पर ज्यादा जोर देता है, जिनसे कुछ फायदा होता है।

- जल सहियाओं को मानदेय भुगतान के लिए सरकार से राशि की मांग की गई है। इसके लिए यहां से कई बार डिमांड भेजा गया है। राशि उपलब्ध होने पर मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा। जहां तक प्रोत्साहन राशि और कमीशन की बात है, तो इसका भुगतान ग्राम जल स्वच्छता समिति को करना है। जलापूर्ति सहित अन्य स्रोतों से होनेवाली आय से इसका भुगतान किया जाना है।

मुकेश कुमार मंडल, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल-2

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