गिरिडीह में तीन नवजातों की मौत, डॉक्टर से धक्कामुक्की; नर्सों से मारपीट के बाद काम ठप

Newborn. झारखंड के गिरिडीह में तीन नवजातों की मौत पर जमकर हंगामा हुआ।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 21 May 2019 12:19 PM (IST) Updated:Tue, 21 May 2019 12:59 PM (IST)
गिरिडीह में तीन नवजातों की मौत, डॉक्टर से धक्कामुक्की; नर्सों से मारपीट के बाद काम ठप
गिरिडीह में तीन नवजातों की मौत, डॉक्टर से धक्कामुक्की; नर्सों से मारपीट के बाद काम ठप

गिरिडीह, जागरण संवाददाता। सदर अस्पताल की अनुषंगी इकाई मातृत्व शिशु कल्याण केंद्र चैताडीह में मंगलवार की अहले सुबह तीन नवजात की मौत हो गई। चिकित्सीय लापरवाही से तीनों नवजातों की मौत से आक्रोशित दर्जनों लोगों ने सुबह करीब आठ बजे अस्पताल में जमकर हंगामा किया। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉ. गोविंद प्रसाद के साथ धक्कामुक्की भी की व नर्सों के साथ मारपीट की। सूचना पाकर पचंब थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक हंगामा करने वाले लोग वहां से जा चुके थे। हंगामे के कारण ड्यूटी पर मौजूद सभी नर्स वहां से सदर अस्पताल चली गईं। चैताडीह अस्पताल में कामकाज ठप है। मरीज परेशान हैं। चिकित्साकर्मियों ने एलान किया है कि जब तक चैताडीह में पुलिस पिकेट नहीं खुलेगी, वे वहां ड्यूटी नहीं कर सकेंगे। 

मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कैलीबाद निवासी राधा देवी पति सुधीर ठाकुर, नगर थाना क्षेत्र के वाभनटोली निवासी नेहा देवी पति शशि राम व गांडेय थाना क्षेत्र के मंडरो की नीलम कुमारी पति उमेश कुमार के नवजात की मौत हुई है। तीनों महिलाओं को दो दिन पूर्व ही मातृत्व शिशु कल्याण केंद्र में सामान्य प्रसव हुआ था। तबीयत बिगड़ने के बाद तीनों नवजात को एसएनसीयू में बीती रात भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि वहां ड्यूटी पर तैनात डॉ. गोविंद प्रसाद ने तीनों को एक इंजेक्शन दिया था। इसके बाद तीनों बच्चों ने एक-एक कर दम तोड़ दिया। डॉ. गोविंद प्रसाद का कहना है कि गंभीर हालत को देखते हुए उन्होंने रात को ही तीनों को पीएमसीएच धनबाद रेफर कर दिया था।

नीलम कुमारी के बच्चे को उसके परिजन रात को ही ले गए थे, जबकि दोनों बच्चों को उसके परिजन बाहर नहीं ले गए। मौत के बाद नवजात के शव परिजन घर ले गए। सुबह में करीब सौ से अधिक संख्या में बाहर से आकर लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ व मारपीट की। इधर, मातृत्व व शिशु कल्याण केंद्र की नर्सें तनूजा कुमारी, शुभ्रा राय, कविता कुमारी, हमीदा खातून एवं मीना देवी ने सदर अस्पताल में बताया कि चैताडीह में बिना सुरक्षा के काम करना मुमकिन नहीं है। उनकी जान को खतरा रहता है। पुलिस पिकेट वहां तत्काल खोलने की जरूरत है। 

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