पहली बारिश में ही कहीं टूट न जाए यह बांध

पीरटांड़ (गिरिडीह) झारखंड अलग होने के बाद से दर्जनों नेताओं के पास गिड़गिड़ाने के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 06:55 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 06:55 PM (IST)
पहली बारिश में ही कहीं टूट न जाए यह बांध
पहली बारिश में ही कहीं टूट न जाए यह बांध

पीरटांड़ (गिरिडीह): झारखंड अलग होने के बाद से दर्जनों नेताओं के पास गिड़गिड़ाने के बाद अलकरी नदी पर बांध बनने का सपना दस वर्ष बाद पूरा हुआ था। वर्षो से जिस बांध की मांग की जा रही थी उसके निर्माण में अनियमितता ने किसानों व नेताओं को विरोध करने को मजबूर कर दिया। बात हम कर रहे हैं पालगंज पंचायत के अलकरी नदी के करमनासा बांध की। इसकी हाल के दिनों में लंबे समय के प्रयास के बाद इसे बांधने का काम हुआ लेकिन इसका निर्माण इस तरह हुआ है कि पहली बारिश में ही यह बांध कहीं टूट न जाए। इस तरह किसानों को नुकसान तो होगा ही पुन: निर्माण के लिए इस बार इसे 10 से 20 साल न लग जाए। इस निर्माण की कमियों को खुद ठेकेदार ने ही बताया कि अगर निर्माण स्थल के आगे का चैकडेम तोड़ा नहीं गया तो बांध के पास पानी का तेज बहाव आएगा जिससे वह टूट सकता है। ऐसे में समझा जा सकता है कि पीरटांड़ में विकास के सच की हकीकत क्या है। पालगंज के उत्तरी छोर से बहते हुए अलकरी नदी करमनासा के आगे कुलमती नदी में मिलती है। इस छोटी से नदी में करमनासा नाला के पास को मिलाकर कुल तीन चेकडैम बनाए गए हैं। इसमें करमनासा के पास बने अधूरे चेकडैम के कारण नदी का पानी लगभग दस साल पूर्व बने चेकडैम में पास नहीं कर पाया जिससे नदी की धारा खेतों की ओर बह गई। इससे दर्जनों किसानों के धान की फसल बह गई और उनके खेत की मिटटी भी बह गई। इतना ही नहीं उस नदी से जिन किसानों के खेत की पटवन होती थी वह दस सालों से कृषि को मोहताज हो गए हैं। इससे वह इलाका बंजर हो गया है। विजय राम, मुंशी सिंह, सहदेव माली, कैलाश माली, चोवा साव आदि किसानों की मांग व कुछ नेताओं के अथक प्रयास के बाद सरकार की अनाबद्ध निधि से यहां बांध का निर्माण कराना पारित हुआ, लेकिन यहां सुरक्षित निर्माण के बजाए केवल गार्डवाल का निर्माण कार्य पास हुआ। एनआरइपी नामक एजेंसी के माध्यम से सुरेश कुमार सागर को लगभग 14 लाख की लागत से इस टूटे बांध के निर्माण का जिम्मा मिला पर बांध की जगह केवल गार्डवाल बना दिया गया और वह भी छोटा। जब बारिश में पानी लबालब भर जाएगा तो पुन: नदी की धारा खेताों की ओर बह जाएगी। इस तरह किसान इसे पुन: बर्बाद होते देखेंगे। क्या कहते हैं नेता व जनप्रतिनिधि।

-अलकरी नदी पर टूटा बांध बहुत जरूरी बांध है। गार्डवाल का निर्माण किया गया है, लेकिन इसकी ऊंचाई कम है और भराई भी ज्यादा नहीं की गई है। इसमें काफी अनियमितता की शिकायत मिली है। बारिश में अगर फिर यह टूट गया तो किसानों को काफी नुकसान होगा। उपायुक्त से मांग करते हैं कि इस बांध को इस तरह बनाया जाए कि यह पुन: टूटे नहीं ताकि किसानों की बर्बादी न हो। अगर ऐसा नहीं होता है तो मुख्य सचिव को लिखा जाएगा।

कांति देवी, मुखिया, पालगंज।

पीरटांड़ में भ्रष्टाचार हावी है। उपायुक्त से मांग करते हैं कि इसकी जांच कर फिर से व ठीक से इसे बनाया जाए ताकि किसानों को नुकसान न हो। इस तरह किसानों की आय दुगुनी होने की बात करना बेईमानी होगी।

अजय कुमार सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष, पीरटांड़।

10 सालों से अधिक मेहनत के बाद ग्रामीण व किसानों की मांग पर यह काम हुआ। अब ग्रामीणों को छोड़ ठेकेदार के हाथों में योजना चली गई। इसमें जैसे-तैसे योजना को बनाया गया। लगभग 14 लाख का गार्डवाल का निर्माण हो गया। रुपये कैसे खर्च हो गए यह समझ से परे है। मांग करते हैं कि इस योजना को तोड़कर पुन: बने ताकि किसानों की खेत फिर नहीं बहे नहीं तो किसान बर्बाद हो जाएंगे।

योगेंद्र तिवारी, सांसद प्रतिनिधि, पीरटांड़।

पालगंज में मनमानी की परंपरा रही है। किसी भी योजना की जांच नहीं होती है। इस योजना को भी कई बार ठीक से बनाने को कहा गया पर कोई सुननेवाला नहीं है। अगर इसे ठीक से नहीं बनाया गया तो किसानों की कमर टूट जाएगी।

सुनैना तिवारी, पंचायत समिति सदस्य।

योजनाओं में अनियमितता के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। जिस योजना से किसान को या किसी को फायदा ही नहीं हो तो उसे बनाकर क्या फायदा।

नीलकंठ महतो, विधायक प्रतिनिधि, पीरटांड़।

ठेकेदार सुरेश सागर को इसके लिए काफी समझाया गया था। यही वजह है कि उसने इस योजना को ठीक से बनाया है। इसमें गार्डवाल का निर्माण ठीक ढंग से किया गया है।

मनोज कुमार, सहायक अभियंता, एनएआरइपी, गिरिडीह।

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