स्वास्थ्य कर्मियों की स्थिति हुई दयनीय
गांडेय (गिरिडीह) कोरोना महामारी में स्वास्थ्य कर्मचारी देवदूत बनकर दिन रात मरीजों की स
गांडेय (गिरिडीह) : कोरोना महामारी में स्वास्थ्य कर्मचारी देवदूत बनकर दिन रात मरीजों की सेवा में जुटे हैं। चाहे वैक्सीनेशन हो या कोरोना जांच, सभी कार्य स्वास्थ्य कर्मी ही अंजाम देते हैं, लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण स्वास्थ्य कर्मियों की स्थिति दयनीय हो गई है। लगातार कोरोना महामारी में योद्धा बनकर उभरे स्वास्थ्य कर्मचारी एमपीडब्ल्यू व आउटसोर्सिग कर्मचारियों को दो माह से भी अधिक समय से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। इससे वे तंगहाली में जीवन जीने को मजबूर हैं।
सभी प्रखंड के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने एवं कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए एमपीडब्ल्यू व आउटसोर्सिग कर्मियों की संविदा पर बहाली की गई है। एमपीडब्ल्यू को बीते दो माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, जबकि वे कोरोना जांच, आइसोलेशन वार्ड समेत कई तरह के कार्यो में महती योगदान दे रहे हैं। वहीं आउटसोर्सिग कर्मचारियों को चार माह से भी अधिक समय से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, जबकि कोरोना काल में सभी जगह ड्यूटी पर तैनात किए जाते हैं। बकाया मानदेय नहीं मिलने से स्वास्थ्य कर्मियों की हालत दयनीय हो गई है। उनके परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।