उसरी के अस्तित्व बचाने को सामाजिक संगठनों ने छेड़ा मुहिम
गिरिडीह जिले के लिए जीवनदायिनी व ऐतिहासिक उसरी नदी के मिटते अस्तित्व को बचाने के लिए सा
गिरिडीह : जिले के लिए जीवनदायिनी व ऐतिहासिक उसरी नदी के मिटते अस्तित्व को बचाने के लिए सामजिक संगठनों ने मुहिम छेड़ दिया है। इस मुहिम की शुरूआत मंगलवार को शहरी क्षेत्र के सभी तटीय क्षेत्रों का भ्रमण कर किया गया। उसरी के अस्तित्व को बचाने के मुहिम में जोड़ने के लिए हर तटीय क्षेत्र के लोगों को लक्ष्य भी दिया गया है। इसकी शुरूआत में नदी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान के अधिकारी रामजी प्रसाद यादव के माध्यम से ड्रोन कैमरे के सहारे डॉक्यूमेंट्री फिल्म शूट किया गया। इसमें नदी में शहर के विभिन्न इलाकों से गिरने वाला गंदा पानी, अतिक्रमित हो रहे तट, बालू के अवैध उत्खनन से खोखला होता नदी का स्वरूप, बेतरतीब तरीके से जारी अवैध खनन से टूटने के कगार पर पहुंचा गांव-शहर को जोड़ने वाला पुल के वास्तविक स्थिति को विशेष रूप से कैद किया गया। अभियान का उद्देश्य नदी के मिटते अस्तित्व को लेकर समाज को जागरूक करने के साथ-साथ प्रशासन व जनप्रतिनिधि के समक्ष उसरी बचाने को लेकर अपनी चार सूत्री मांगों को रखना है। इसमें नदी के अंदर प्रवेश करने वाले शहर भर के गंदी नालियों के पानी को एक जगह या दो-तीन जगह पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये शुद्ब कर नदी में डालने, शास्त्री नगर से लेकर झरियागादी तक कड़ाई से बालू खनन पर रोक लगाने, पुल के पहले चेकडैम जैसी व्यवस्था करने व नदी के किनारे पेड़ लगाने की मांग की गई है। अभियान में नवीन सिन्हा, राजेश सिन्हा, जोंटी शर्मा, रामजी यादव, सुमित कुमार, अमित कुमार, विकास कुमार, कुलदीप कुमार आदि उपस्थित थे।