कुष्ठ बीमारी का समय पर पहचान कर शुरू करें इलाज

गांडेय(गिरिडीह) कुष्ठ की रोकथाम को लेकर गुरुवार को गांडेय सीएचसी परिसर में स्वास्थ्य

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:21 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:57 PM (IST)
कुष्ठ बीमारी का समय पर पहचान कर शुरू करें इलाज
कुष्ठ बीमारी का समय पर पहचान कर शुरू करें इलाज

गांडेय(गिरिडीह) : कुष्ठ की रोकथाम को लेकर गुरुवार को गांडेय सीएचसी परिसर में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। इसमें कुष्ठ मरीजों को बीमारी से बचाव व रोकथाम को लेकर विभिन्न प्रकार के उपाय की जानकारी दी गई। चिन्हित मरीजों को विकृति को सरल तरीके से ठीक करने के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। पूर्व चिन्हित छह गंभीर मरीजों का उपचार किया गया। उन्हें विकृति की देखभाल की जानकारी दी गई। साथ ही पांच नए मरीजों को जांच के बाद दवा देकर उपचार शुरू किया गया। जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डा. कालीदास मुर्मू ने बताया कि कुष्ठ होने के बाद उसका उपाय नहीं करने से बीमारी लगातार बढ़ती रहती है। इससे अंगों की विकृति हो जाती है। इस कारण बीमारी की पहचान होने के बाद सरकारी अस्पताल में मिलनेवाली दवा का लगातार सेवन करना चाहिए। साथ ही जख्मों को डेटाल से साफ कर उसमें सतत दवाई लगाकर उसे बढ़ने से रोकना चाहिए। आइएलईपी संस्था के जिला कोर्डिनेटर कामदेव बेसरा ने बताया कि कुष्ठ की पहचान सरल है। शुरुआत में शरीर में हल्का फीका या लालिमा युक्त दाग होता है। दाग में यदि सूनापन हो तो अविलंब नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं। चिन्हित रोगी को मुफ्त एमडीटी दवा दी जाएगी। दवा का छह माह से 12 माह तक चलाया जाता है। इससे मरीज की बीमारी रुक जाती है जिससे अंग विकृत होने से बच सकता है। शिविर में गांडेय के कुष्ठ निवारण प्रभारी हीरालाल किस्कू, मलेरिया सुपरवाइजर श्वेता कुमारी, रमेश मुर्मू, सहिया सबिता देवी, यशोदा देवी, ललिता देवी समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।

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