अपने कार्य के बूते वृंदा गांव की ज्योति बनकर चमकी किरण

बिरनी प्रखंड के वृंदा गांव की इंटर पास महिला किरण कुमारी अपनी सोच व काम के बल पर सुद

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 06:05 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 06:05 PM (IST)
अपने कार्य के बूते वृंदा गांव की ज्योति बनकर चमकी किरण
अपने कार्य के बूते वृंदा गांव की ज्योति बनकर चमकी किरण

बिरनी : प्रखंड के वृंदा गांव की इंटर पास महिला किरण कुमारी अपनी सोच व काम के बल पर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नारी सशक्तीकरण की मिसाल बन गई है। वह ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बना रही है। डिजिटल इंडिया व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर स्वच्छता का संदेश दे रही है। सपने को साकार करने में जुटी किरण के समर्पण का कमाल है कि उसका नाम आज गांव से लेकर राजधानी व पूरे देश में मिसाल के रूप में लिया जाता है। अपने काम के बल पर वह प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों व प्रशासनिक पदाधिकारियों के हांथों सम्मानित हो चुकी है। वह अपने गांव वृंदा में कॉमन सर्विस सेंटर का संचालन कर रही है। इसी केंद्र में सेनेटरी नेपकिन पैड बना रही है।

वर्ष 2010 से शुरू हुआ सफर : किरण इसके पहले आम गृहणी थी। उसने वर्ष 2010 में गांव में कॉमन सर्विस सेंटर का संचालन शुरू किया। उसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसने डिजिटल इंडिया की मुहिम में सशक्त भूमिका निभाने की ठान ली। उसे सात वर्ष का एक पुत्र व पांच वर्ष की एक पुत्री है। अपने कार्य को करते हुए परिवार को भी पूरा समय देती है।

कैशलेस इंडिया मुहिम में बनाई अच्छी पहचान : कैशलेस इंडिया मुहिम के सपने को साकार करने की दिशा में किरण ने अपने काम से अच्छी पहचान बनाई है। वह अब तक दो लाख से अधिक लोगों का आधार पंजीयन कर चुकी है। साथ ही 10 हजार से अधिक लोगों का लॉकर की सुविधा दिलाई है। उसने खुद सेनेटरी नैपकिन पेड बनाकर गांव की महिलाओं एवं कस्तूरबा बालिका आवासी विद्यालय की बच्चियों के बीच लगातार दो वर्षो तक निश्शुल्क वितरण किया, ताकि माहवारी के समय संक्रमण से उनका बचाव हो सके। वृंदा के आसपास के गांवों के लोगों को किरण की मुहिम के कारण अब बिजली बिल भुगतान, बिजली कनेक्शन, रेलवे टिकट बुक कराने, जीवन बीमा का प्रीमियम जमा करने, ड्राइविग लाइसेंस बनाने, घरेलू गैस बुकिग, ऑनलाइन से चिकित्सक परामर्श लेने आदि कार्य के लिए चक्कर काटना नहीं पड़ता है। किरण के सीएससी में ये सभी कार्य ऑनलाइन होते हैं।

मरीज चिकित्सक से ऑनलाइन लेते हैं परामर्श : किरण के सीएससी से मात्र एक रुपये में लोगों का इलाज ऑनलाइन होता है। इसके तहत विशेषज्ञ चिकित्सकों मरीजों को वीडियो कांफ्रेंसिग से चिकित्सकों से परामर्श दिलाती है। इसके माध्यम से हजारों मरीजों का इलाज ऑनलाइन किया गया है। बीते वर्ष 2020 में अचानक कोरोना महामारी पूरे देश में फैल गई थी। इसे लेकर पूरे देश में लॉकडाउन हो गया। उस समय बीमार लोगों ने सीएससी के माध्यम से एक रुपये में ऑनलाइन इलाज कराया।

बेरोजगारों को दिया रोजगार : किरण ने सीएससी से कई युवाओं व महिलाओं को रोजगार दिया है। इस केंद्र में महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन पेड बनाने के काम में जोड़ा। इससे जुड़कर महिलाएं अच्छी कमाई करने लगीं।

किरण को मिला सम्मान : वर्ष 2018 में प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रसार मंत्रालय भारत सरकार की ओर से कॉमन सर्विस सेंटर बेस्ट डिजिटल ट्रांजेक्शन पुरस्कार, स्त्री स्वभिमान पुरस्कार, वर्ष 2017 में झारखंड सरकार से डिजिटल लॉकर पुरस्कार, वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हांथो से दिल्ली में डिजिटल इंडिया पुरस्कार, वर्ष 2015 में डिजिटल इंडिया में योगदान के लिए झारखंड सरकार से पुरस्कार, वर्ष 2014 में भारत सरकार की ओर से महिला प्रतिभा पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है।

किरण ने कहा कि इस सफलता का श्रेय सास विमला देवी, ससुर बासुदेव पंडित व पति देव पप्पू कुमार को जाता है। शादी हुई तो घर के बाहर निकल कर लोगों के बीच काम करने में कई तरह की बाधाएं आई, लेकिन सभी बाधाओं को दरकिनार कर काम की है। पहले लोग उसका मजाक उड़ाते थे, लेकिन इसकी परवाह किए बिना महिलाओं को जागरूक करते हुए उनके अधिकार के बारे बताने लगी तो सभी ने सहयोग किया। लॉकडाउन के समय गांवों में जा-जाकर कोरोना से बचाव के लिए लोगों के बीच मास्क व सैनिटाइजर, सेनेटरी नैपकिन पेड आदि का वितरण किया। साथ ही, सावधानी बरतने की सलाह दी।

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