तिसरी अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की घोर कमी

तिसरी (गिरिडीह) तिसरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विभागीय लापरवाही के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 08:03 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 08:03 PM (IST)
तिसरी अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की घोर कमी
तिसरी अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की घोर कमी

तिसरी (गिरिडीह) : तिसरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विभागीय लापरवाही के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दंश झेल रहा है। सवा लाख से अधिक आबादी वाले इस प्रखंड के लोगों को समुचित चिकित्सा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में टेक्नीशियन, फॉर्मासिस्ट, डॉक्टर, नर्स आदि की कमी है।

कई वर्ष पहले इसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिला था। बिल्डिग के अभाव के कारण यह सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही है। अस्पताल में छह बेड प्रसव गृह की सुविधा उपलब्ध है। डॉक्टर व फार्मासिस्ट की कमी के कारण आयुष चिकित्सक डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार व राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के फॉर्मासिस्ट प्रदीप कुमार कार्य कर रहे हैं। आयुष डॉक्टर को लेकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. देवव्रत व सहायक डॉ. महेश्वरम कुमार हैं। टेक्नीशियन के रूप में चंद्रशेखर वर्मा यहां कार्यरत हैं।

प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करनेवाले एमपीडब्ल्यू के पांच कर्मी भी अस्पताल में योगदान दे रहे हैं जिससे अस्पताल में स्टाफ की कमी पूरी हो रही है। फिलहाल कोविड महामारी में दो एमपीडब्ल्यू कर्मी हरिहर वर्मा व आदित्य यादव कोरोनो पॉजिटिव होने के कारण होम क्वारंटाइन हैं। प्रसव गृह में दिन में एएनएम चंद्राणी बेसरा व रात में एएनएम मनीषा हांसदा के साथ सहायक के रूप में सबीना मरांडी कार्य करती है।

कोविड के महामारी में अस्पताल में कोविड सेंटर नहीं बनाया गया है। इसका मुख्य कारण विल्डिग की कमी है। बुधवार को पूर्व विधायक राजकुमार यादव को निरीक्षण में अस्पताल में रेगुलेटर के अभाव में चार ऑक्सीजन सिलेंडर बेकार पड़ा मिला। उन्होंने चार रेगुलेटर की व्यवस्था अपनी ओर से कराई और अस्पताल की लचर व्यवस्था को लेकर सिविल सर्जन से बात की। तिसरी में कोविड सेंटर बनाने का प्रस्ताव भी उन्होंने रखा।

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