धारा 144 की उड़ रही धज्जी, शारीरिक दूरी की बात बेमानी

गिरिडीह कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से बचाव को लेकर सरकार व जिला प्रशासन की ओर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 05:34 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 05:34 PM (IST)
धारा 144 की उड़ रही धज्जी, शारीरिक दूरी की बात बेमानी
धारा 144 की उड़ रही धज्जी, शारीरिक दूरी की बात बेमानी

गिरिडीह : कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से बचाव को लेकर सरकार व जिला प्रशासन की ओर से लगाई गई धारा 144 की शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में धज्जियां उड़ रही हैं। वहीं शारीरिक दूरी की बात भी पूरी तरह से बेमानी साबित हो रही है। शहरी क्षेत्र में सब्जी बाजार हो या दवा दुकान, चौक चौराहा हो या चाय की दुकान, राशन दुकान हो या अस्पताल परिसर या यूं कहें कि कोरोना से बचाव को लेकर सतर्कता व एहतियात बरतने को लेकर सरकार के आदेश की पग-पग पर धज्जियां उड़ रही हैं, लेकिन धारा 144 का अनुपालन कराने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। शहर के मकतपुर चौक, कालीबाड़ी चौक, बड़ा चौक से गांधी चौक, मुस्लिम बाजार, जेपी चौक समेत अन्य स्थानों पर दिन भर भीड़ का ऐसा नजारा लगा रहता है मानो कोरोना से बचाव को लेकर सरकार कोई निर्देश ही नहीं दी हो। कोई वैसे तो पुलिस के जवान जगह-जगह ड्यूटी देने को तैनात हैं, लेकिन शारीरिक दूरी का पालन व धारा 144 का अनुपालन कराने की दिशा में मौन है। नतीजा जगह-जगह लोगों की भीड़ जमा हो रही है। पुलिस की आवाजाही भी उधर से हो रही है, लेकिन अनुपालन कराने के बजाए पुलिस मूकदर्शक बनी है। लोग कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति अब भी लापरवाह बने हुए हैं। चेहरे पर मास्क लगाने के बजाए कई ऐसे भी लोग हैं जो गले में मास्क लटकाए फिर रहे हैं और कोरोना को आमंत्रण दे रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी लापरवाह व्यक्ति हैं जो मास्क लगाना ही उचित नहीं समझते हैं और बिना मास्क के हाट बजार से लेकर दुकानों में बेखौफ पहुंचकर सरकार व जिला प्रशासन के आदेश को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

- हुट्टी बाजार में लगी रही भीड़ : रविवार को शहर के हुट्टी बाजार में लगनेवाली साप्ताहिक हटिया में लोगों की भीड़ लगी रही। यहां गांव से लेकर शहर के व्यापारी अपने व्यवसाय को लेकर पहुंचे। वहीं खरीदारों की भीड़ भी कम नहीं थी। कोई बकरा खरीदने तो कोई लकड़ी के फर्नीचर से लेकर कपड़ा, फल, सब्जी, लोहे का सामान के अलावा अन्य सामानों की खरीदारी करने में जुटे थे। यहां शारीरिक दूरी का पालन करने के बजाय पग-पग पर शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ रही थी।

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