बंद हैं स्कूल, हो रही पैसे की निकासी
गिरिडीह कोरोना की रोकथाम और इससे बचाव के लिए पूरे राज्य में लागू मिनी लॉकडाउन को
गिरिडीह : कोरोना की रोकथाम और इससे बचाव के लिए पूरे राज्य में लागू मिनी लॉकडाउन को लेकर सरकारी स्कूल भी बंद हैं। शिक्षक स्कूल नहीं जा रहे हैं। चावल व पुस्तक वितरण से लेकर विद्यालय से संबंधित सभी तरह के कामकाज ठप हैं, लेकिन इस बंद अवधि में भी एक काम बदस्तूर जारी है, और वह है राशि की निकासी। विद्यालयों को विकास सहित अन्य कार्यो के लिए सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई अनुदान राशि की निकासी इस बंद अवधि में भी हो रही है।
तीन हजार स्कूलों को भेजी गई है राशि : जिले के विभिन्न कोटि के 3134 सरकारी विद्यालयों को इस वर्ष अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई है। इस राशि का उपयोग विद्यालय विकास, स्वच्छता एवं अन्य अलग-अलग मदों में आवश्यकतानुसार करना है। इस मद में करोड़ों रुपये विद्यालयों को मिले हैं। कई विद्यालयों में इस राशि की बंदरबांट शुरू हो गई है। यही वजह है कि अभी बंद अवधि में भी पैसे की निकासी काफी विद्यालयों के अध्यक्ष, सचिव और उपाध्यक्ष मिलकर कर रहे हैं। कई शिक्षकों ने बताया कि अभी विद्यालय पूरी तरह से बंद हैं। विद्यालय से संबंधित सभी तरह के काम बंद हैं। ऐसे में इस समय पैसे की निकासी करने का कोई औचित्य नहीं है।
कोई इलाज, तो कोई दूसरे काम में कर रहे खर्च : विद्यालयों को दी गई अनुदान राशि की निकासी कर शिक्षक और समिति के पदाधिकारी इसकी बंदरबांट करते हुए इसे निजी काम में खर्च कर रहे हैं। एक सीआरपी ने बताया कि शहर से सटे एक प्राथमिक स्कूल के सचिव और अध्यक्ष ने बिना कोई काम कराए 25 हजार रुपये की निकासी कर ली। पैसे की निकासी के बाद सचिव बीमार पड़ गए। उन्होंने इसी पैसे से अपना इलाज कराया। इसी तरह कई अन्य स्कूलों के सचिव-अध्यक्ष इस पैसे का उपयोग निजी काम में कर रहे हैं। बाद में ये लोग फर्जी बिल-वाउचर बनाकर पैसे का स्कूल से संबंधित काम में दिखा देंगे।
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यदि बंद अवधि में किसी स्कूल में पैसे की निकासी हो तो इसकी जांच कराई जाएगी कि पैसे का उपयोग किस मद में किया गया। यदि पैसे का दुरुपयोग या बंदरबांट का मामला सामने आया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बंद अवधि में विद्यालयों में यदि कोई काम नहीं हो रहा है, तो अभी राशि की निकासी करना गलत है।
अरविद कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक