नक्सलियों को पकड़ने के लिए बिछ रहा सड़कों का जाल

दिलीप सिन्हा गिरिडीह पारसनाथ प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का मुख्यालय है। यहां के

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 12:07 AM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 12:07 AM (IST)
नक्सलियों को पकड़ने के लिए बिछ रहा सड़कों का जाल
नक्सलियों को पकड़ने के लिए बिछ रहा सड़कों का जाल

दिलीप सिन्हा, गिरिडीह : पारसनाथ प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का मुख्यालय है। यहां के माओवादी झारखंड, बिहार समेत आधा दर्जन राज्यों में चुनौती बने हैं। पारसनाथ को माओवादियों से मुक्त कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। इनको पकड़ने के लिए अब कवायद शुरू हो गई है। जाल तैयार हो रहा है। सड़कों का।

दरअसल, पहाड़ की तलहटी में बसे दर्जनों गांव ऐसे हैं, जहां आज भी सड़कें नहीं हैं। नतीजा पुलिस आसानी से इन इलाकों में नहीं पहुंच पाती है। इसका लाभ माओवादी उठाते हैं। अब माओवादियों पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद क्षेत्र योजना से यहां सड़कों का जाल बिछाने जा रही है। तलहटी में चार प्रमुख सड़कों का निर्माण इस योजना से होगा। करोड़ों रुपये खर्च कर करीब 35 किमी. से अधिक दूरी की सड़कें बनेंगी। गिरिडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है। राज्य सरकार इस पर केंद्र सरकार से शीघ्र मंजूरी लेगी। 80 फीसद राशि केंद्र सरकार एवं 20 फीसद राशि राज्य वहन करेगा। सड़कों के निर्माण से पुलिस माओवादियों पर अंकुश लगा सकेगी।

इन सड़कों का होगा निर्माण :

-मधुबन-शिखरजी रोड 15.51 किमी.

- हरलाडीह-खेताडाबर रोड 11.95 किमी.

-कमलासिंहा-पांडेयडीह रोड 5.15 किमी.

-नोकनिया-चतरो रोड 3 किमी.

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सड़कें बनने के बाद माओवादी दस्ते न कर सकेंगे आसानी से मूवमेंट : चारों सड़कों का निर्माण होने पर माओवादियों का दस्ता इन इलाकों में आसानी से मूव नहीं कर सकेगा। क्योंकि तब पुलिस एवं सीआरपीएफ की पहुंच इन इलाकों तक आसानी से हो सकेगी। कमलासिघा-पांडेयडीह का इलाका सड़क न होने से ही माओवादियों का गढ़ बना है। हालांकि जानकार बताते हैं कि माओवादी आसानी से यहां सड़क निर्माण होने नहीं देंगे। इसी प्रकार हरलाडीह-खेताडाबार सड़क के बनने से गिरिडीह, ताराटांड़, टुंडी जाना आसान हो जाएगा। नोकनिया-चतरो पथ वाला क्षेत्र भी माओवादियों का गढ़ है। कोट

सुदूर इलाकों तक सड़कों का जाल बिछेगा। चारों सड़कों के निर्माण की मांग लोग लंबे समय से कर रहे थे। इससे लोगों को आने-जाने में सुविधा होगी। नक्सली गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा।

राहुल कुमार सिन्हा, उपायुक्त सड़क निर्माण से आसान होगी जिदगी :

इन सड़कों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने से ग्रामीणों में उत्साह है। उनका कहना है कि अब उनकी जिदगी और आसान होगी। लोगों ने सरकार से जल्द से जल्द सड़कों का निर्माण शुरू करने की मांग की है। ग्रामीण दर्शन राय ने कहा कि कमलासिघा से पांडेडीह तक सड़क बनने से हमलोगों को सुविधा होगी। वर्षो से तंगहाली का जीवन गुजार रहे हैं।

नूनका मांझी ने कहा कि पीरटांड़ में सब जगह सड़क बन गई है, पर इस सड़क को कोई नहीं बना रहा है। सड़क बन जाती तो बहुत फायदा होगा। चलिए अब सही। आशुतोष दूबे ने कहा कि वर्षो से हमलोगों का सपना था कि कमलासिघा से पांडेयडीह तक सड़क बने। अब इसकी आस दिख रही है। विधायक सुदिव्य कुमार सोनू का सड़क बनवाने का प्रयास सराहनीय है।

अमर दुबे ने कहा कि हम ग्रामीणों की जिंदगी में ये सड़कें अहम है। काफी लाभ होगा। सरकार जल्द से जल्द इनका निर्माण पूरा कराए।

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