जाम का सबब बन गया सरिया का रेलवे फाटक, घंटों रेंगती रहती आम अवाम
सरिया (गिरिडीह) वैसे तो सरिया के लोगों को रेलवे फाटक के पास आम दिनों में जाम का साम
सरिया (गिरिडीह) : वैसे तो सरिया के लोगों को रेलवे फाटक के पास आम दिनों में जाम का सामना करना तो नियति बन गया है। लेकिन दुर्गापूजा के मौके पर हाट बाजार करने मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र से आए लोगों को बुधवार को रेलवे फाटक पर लगी जाम में फंसकर घंटों रेंगते रहना पड़ा। लोग जिस काम से बाजार पहुंचे थे, उसमें से आधा वक्त तो उन्हें जाम से निकलने में ही बीत गया। जाम का ऐसा नजारा लगा था कि आम तो आम यहां खास को भी इस जाम में फंसे रहना पड़ा। रेलवे फाटक के पास लगी जाम में जिदगी की जंग लड़ने वाले मरीज को अस्पताल ले जाने वाला एंबुलेंस भी सायरन बजाता रहा लेकिन जाम इस कदर लगा था कि उसकी आवाज सुनकर भी अनसुना कर रहे थे। बताते चलें कि सरिया-राजधनवार मुख्य पथ पर स्थित रेलवे फाटक पर प्रति पांच से दस मिनट के अंतराल पर रेलवे फाटक बंद होने के कारण यहां अक्सर जाम की समस्या उत्पन्न होते रहती है। रेलवे की ओर से समय-समय पर रैक यार्ड के लिए सेंटिग गाड़ी लगाने के कारण भी घंटो तक लोगों को इस समस्या से दो-चार होना पड़ता है। आम लोगों की बात तो दूर की चीज है, अगर किसी मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद एंबुलेंस से आपातकालीन कहीं जाने की नौबत आती है तो उसे भी इस जाम के चक्कर में फंसे रहना पड़ता है। इस जाम की समस्या से निजात दिलाने को लेकर विभाग से लेकर जनप्रतिनिधि व पुलिस-प्रशासन की ओर से बातें तो की जाती है लेकिन आज तक इस जाम की समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल सका है। अगर स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ रेलवे प्रशासन भी इस दिशा में थोड़ी सक्रियता दिखाती और रेलवे फाटक के दोनों ओर लगने वाली भीड़ को कतारबद्ध करा दिया जाए, तो फाटक पर लगने वाली जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकता है।
- नहीं हो सकी ओवरब्रिज की मांग पूरी : रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों ने हर एक के समक्ष अपनी मांग को रखा। उन्हें इसका भरोसा भी दिलाया गया लेकिन सब हवा हवाई साबित हुआ। प्रशासनिक चूक व राजनीतिक उदासीनता का शिकार बनकर आज तक इस व्यस्ततम रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण या बाइपास सड़क का निर्माण नहीं हो सका है। यहां का बाजार जिले का सबसे बड़ा व्यवसायिक मंडी होने के साथ-साथ धनबाद रेल मंडल में अच्छी खासी राजस्व देने वाला रेलवे स्टेशन एवं अनुमंडल मुख्यालय होने के बावजूद भी उक्त समस्या का निदान नहीं हो सका।