अब खराब नहीं होगा चावल, वितरण का मिला आदेश
गिरिडीह मध्याह्न भोजन योजना के तहत जिला को उपलब्ध कराया गया चावल अब बेकार पड़ा नहीं रह
गिरिडीह : मध्याह्न भोजन योजना के तहत जिला को उपलब्ध कराया गया चावल अब बेकार पड़ा नहीं रहेगा। इसे बच्चों के बीच बांटने का आदेश विभाग को मिल गया है। शीघ्र ही इसका वितरण भी प्रारंभ कर दिया जाएगा। गोदामों व स्कूलों में रखे चावल के अब खराब होने या सड़ने का डर नहीं है। दैनिक जागरण में छपी खबर के बाद झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने इसे वितरण करने का आदेश जारी कर दिया है।
भारतीय खाद्य निगम से मध्याह्न भोजन योजना के तहत जिला जनवरी से मार्च 2021 तक का चावल उपलब्ध हो चुका है। अधिकांश चावल प्रखंडों के गोदामों में पड़ा हुआ है। कहीं-कहीं इसे स्कूलों में भी पहुंचा दिया गया है। वितरण का आदेश मिलने की आस में चावल स्कूलों और गोदामों में पड़ा हुआ है। लंबे समय से चावल ऐसे ही पड़ा रहने से इसके खराब होने या सड़ने का डर बना हुआ है। शिक्षक भी इसे लेकर चितित हैं। दैनिक जागरण ने गत 10 अप्रैल के अंक में गोदाम में पड़ा चावल, बांटने का हो रहा इंतजार शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित हुई थी।
खबर छपने के बाद 13 अप्रैल को झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह ने बच्चों के बीच चावल का वितरण करने संबंधी आदेश जारी कर दिया। एक सप्ताह के अंदर चावल का वितरण कर प्राधिकरण कार्यालय को इसका प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश निदेशक ने दिया है।
इधर, जिला शिक्षा अधीक्षक अरविद कुमार ने इस आदेश के आलोक में जिले के सभी क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, बीईईओ, सभी प्रधानाध्यापकों एवं प्रधान शिक्षकों को चावल वितरण करने का निर्देश दिया है।
68 दिनों का मिलेगा खाद्यान्न : सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों को एक जनवरी 2021 से 31 मार्च 2021 तक कुल कार्य दिवस 68 दिनों का चावल दिया जाएगा। कक्षा एक से पांच के बच्चों को प्रतिदिन 100 ग्राम के हिसाब से 6.8 किग्रा. तथा कक्षा 6-8 के बच्चों को 150 ग्राम के हिसाब से 10.2 किग्रा. चावल मिलेगा।
ढाई लाख बच्चों को मिलेगा लाभ :
जिले में करीब तीन हजार सरकारी विद्यालय हैं, जिनमें मध्याह्न भोजन योजना संचालित होती है। इन विद्यालयों में पढ़नेवाले लगभग ढाई लाख बच्चों को चावल मिलना है।