सादगी की प्रतिमूर्ति थे राजेंद्र बाबू

जागरण टीम गिरिडीह प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर शुक्रवार को ि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:09 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 08:09 PM (IST)
सादगी की प्रतिमूर्ति थे राजेंद्र बाबू
सादगी की प्रतिमूर्ति थे राजेंद्र बाबू

जागरण टीम, गिरिडीह : प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर शुक्रवार को जिले में कई कार्यक्रम हुए। लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

राजेंद्र प्रसाद की जयंती को अधिवक्ता संघ ने एडवोकेट डे के रूप में मनाया। अधिवक्ता संघ भवन में हुए कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय ने कहा कि सादगी की प्रतिमूर्ति डा. राजेंद्र प्रसाद एक साधारण परिवार में जन्मे और अपनी मेहनत और सादगी की बदौलत सर्वोच्च पद पाया। कहा कि डा. राजेंद्र प्रसाद एक उच्च दर्जे के अधिवक्ता भी थे। उन्होंने न्यायिक कार्य में अमिट छाप छोड़ी थी।

संघ के महासचिव चुन्नुकांत ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया था। संविधान निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। देश के वे सच्चे रत्न थे। एक अधिवक्ता के रुप में उन्होंने अपनी प्रतिभा को दिखाया था। अधिवक्ता दुर्गा पांडेय, बिजय कुमार सिन्हा, बिपिन यादव आदि ने कहा कि साधारण परिवार में जन्मे डा. प्रसाद लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। अधिवक्ता सुनीता शर्मा, राहत फातमा ने भी उन्हें उच्च दर्जे का कानूनविद बताया। इस दौरान पंचानन कुमार मुनि, धर्मेंद्र कुमार, सजल सामंता, मनीष मंडल, सुभोनिल सामंता, राजकिशोर कुशवाहा, अमित कुमार, सुनील कुमार, नित्यानंद प्रसाद, जयंत सहाय आदि थे।

सीसीएल डीएवी में डा. राजेंद्र प्रसाद की जयंती मनाई गई। सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह, प्राचार्य भैया अभिनव कुमार एवं विद्यालय के पूर्व छात्र डा. शोएब जमाई आदि ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। स्कूल के एलुमनाई एसोसिएशन की घोषणा भी की गई, इसमें विद्यालय के सभी पूर्व-छात्र आपस में विद्यालय के उत्थान के लिए संवाद एवं सहयोग कर सकते हैं, जिसका शुभारंभ पूर्व छात्र डा. शोएब जमाई ने आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को सहयोग राशि देकर किया।

प्राचार्य ने बताया कि विद्यालय पिछले तीन दशक से अपने योग्य एवं कर्मठ शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के साथ निरंतर ज्ञान का ज्योति जलाता रहा है, जिसके फलस्वरूप अनेक छात्र-छात्राएं देश और विदेश में अपना परचम लहरा रहे हैं। डा. शोएब उसकी एक बानगी हैं। विद्यालय के वरीय शिक्षक एचजी तिवारी, स्वप्न बनर्जी, एनपी सिंह, सुभाष तिवारी, बी घोषाल, बबलू कुमार आदि थे।

निमियाघाट : पारसनाथ दिगंबर जैन उच्च विद्यालय इसरी बाजार में प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों ने राजेंद्र बाबू के चित्र पर माल्यार्पण किया और पुष्प अर्पित कर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की। प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन ने कहा कि महापुरुषों की जयंतियों का आयोजन बच्चों को अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित करता है और उन्हें अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर करने में सहायक होता है। सनी सिन्हा एवं कोयल कुमारी ने अंग्रेजी में राजेंद्र बाबू के जीवन पर प्रकाश डाला। श्रेयांश जैन, प्राची कुमारी, अंशिका सोनी, स्नेहा भारती, मृणाल सामंता, नीलम कुमारी, कोमल कुमारी, मनीषा कुमारी, काजल कुमारी, ब्यूटी कुमारी, आकृति वर्मा इत्यादि ने उनकी जीवनी के बारे में अपने वक्तव्य दिए। छात्र-छात्राओं ने बड़े उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया। शिक्षक श्याम कुमार सिंह ने राजेंद्र बाबू के सादगी भरे जीवन से शिक्षा लेने की सलाह दी। विद्यालय के कार्यक्रम संयोजक सह विज्ञान शिक्षक देवेश कुमार देव ने कहा कि औपचारिक अध्ययन के साथ-साथ बच्चों के अंदर छिपी हुई प्रतिभा को उजागर कर उनके संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास में इन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन बहुत ही आवश्यक है। मौके पर वरिष्ठ शिक्षक सह शिक्षक प्रतिनिधि कृष्ण कुमार सिंह, संगीता जैन, प्रमोद कुमार यादव, सदानंद प्रसाद, आकाश जैन, श्याम कुमार सिंह, माधुरी कुमारी, देवेश कुमार देव, रजत जैन, रुपलाल प्रसाद मंडल, दयानंद कुमार, संजीत कुमार, एतवारी महतो, रविद्र कुमार समेत वर्ग अष्टम, नवम और दशम के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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