जल संकट से पुलिस कर्मी भी हैं परेशान

तिसरी गर्मी की तपिश बढ़ते ही कुआं व चापाकल सूखने लगे हैं। तिसरी थाना में स्थित कूप व चापाक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 06:23 PM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 06:23 PM (IST)
जल संकट से पुलिस कर्मी भी हैं परेशान
जल संकट से पुलिस कर्मी भी हैं परेशान

तिसरी : गर्मी की तपिश बढ़ते ही कुआं व चापाकल सूखने लगे हैं। तिसरी थाना में स्थित कूप व चापाकल भी सूख गए हैं। इससे यहां के पदाधिकारी व जवानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसी तरह नहाने व धोने के लिए एक चापाकल से काम चल रहा है। यहां जलापूर्ति योजना से कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इस कारण पानी की समस्या बनी रहती है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी जलापूर्ति योजना बेकार पड़ी है।

थाना परिसर में पानी की समस्या से निजात पाने के लिए एक वर्ष पूर्व सरकारी योजना से कूप निर्माण कराया गया था, लेकिन गर्मी के शुरुआती दौर में ही कुआं सूख गया। इसमें मात्र आधा फीट पानी है। थाना में दो चापाकल है। एक चापाकल एकाध बाल्टी निकालने के बाद जवाब दे देता है। दूसरे चापाकल से बड़ी मुश्किल से काम चलता है। लगातार चलाने के बाद यह भी जवाब दे देता है। हालांकि थाना के दोनों चापाकलों का पानी पीने योग्य नहीं है। इसका उपयोग सिर्फ नहाने-धोने में किया जाता है। पुलिस कर्मियों को पीेने के लिए पानी खरीदना पड़ता है।

यहां थाना प्रभारी, सब इंस्पेक्टर, एएसआइ व जवान मिलाकर दर्जनों लोग रहते हैं। सभी पानी की किल्लत होने से काफी परेशान हैं।

तिसरी में जलापूर्ति योजना 2005 में शुरू की गई थी। इसके तहत पानी टंकी निर्माण कराया गया, लेकिन टंकी बनने के साथ ही लीक कर गई थी।

स्थानीय लोगों व नेताओं के आंदोलन के बाद पुन: नया प्राक्कलन बनाकर लगभग दो करोड़ की लागत से वर्ष 2014 में रीजनल में स्थित पुराने कूप से पेयजलापूर्ति शुरू की गई, लेकिन संबंधित ठेकेदार व विभाग की लापरवाही व अनियमितता के कारण इसके लाभ से भी लोग वंचित हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर पानी टंकी, चहारदीवारी, पाइप लाइन आदि कार्य किए गए, लेकिन ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हुई। आज स्थिति यह है कि तिसरी पुल के पार किसी भी उपभोक्ता को सप्लाई पानी नसीब नहीं हो रहा है। पुल के इस पार भी काम चलने लायक कभी-कभी पानी मिल पाता है। इसका मुख्य कारण पानी टंकी का बेकार होना है। देखरेख के अभाव के कारण भी कूप के पास उपकरण खराब रहता है।

रीजनल स्थित वर्षो पुराने कूप से सीधे मोटर से जलापूर्ति की जाती है। इस कारण पानी की रफ्तार तेज नहीं होने से पाइप लाइन से लोगों के घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है। यदि कूप से पानी टंकी में चढ़ाया जाता और वहां से आपूर्ति की जाती तो निश्चित रूप से सभी उपभोक्ताओं के घरों तक पानी पहुंच जाता।

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