बाबूलाल के बेटे समेत 40 का खून बहानेवाले को रिमांड पर नहीं ले सकी पुलिस

गिरिडीह नक्सली हिसा का बड़ा गवाह रहा है। चिलखारी नरसंहार एवं भेलवाघाटी नरसंहार जिसमें भाजपा विधायक दल के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के पुत्र अनूप मरांडी समेत 37 लोगों की हत्या हुई थी के अलावा कैदी वाहन ब्रेक समेत नक्सली हिसा की कई ऐसी घटनाएं यहां घटी है जिससे पूरी झारखंड सरकार हिल गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 06:02 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 06:02 PM (IST)
बाबूलाल के बेटे समेत 40 का खून बहानेवाले को रिमांड पर नहीं ले सकी पुलिस
बाबूलाल के बेटे समेत 40 का खून बहानेवाले को रिमांड पर नहीं ले सकी पुलिस

गिरिडीह : गिरिडीह नक्सली हिसा का बड़ा गवाह रहा है। चिलखारी नरसंहार एवं भेलवाघाटी नरसंहार जिसमें भाजपा विधायक दल के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के पुत्र अनूप मरांडी समेत 37 लोगों की हत्या हुई थी के अलावा कैदी वाहन ब्रेक समेत नक्सली हिसा की कई ऐसी घटनाएं यहां घटी हैं जिससे पूरी झारखंड सरकार हिल गई थी। इन तमाम नक्सली हिसा में शामिल रहे हार्डकोर माओवादी सुरंग यादव को गिरिडीह जिला पुलिस तीन साल बाद भी रिमांड पर बिहार के जेल से गिरिडीह नहीं ला सकी है। इससे नक्सली हिसा के दर्जनाधिक मामलों का अनुसंधान पूरा नहीं हो सका है। करीब डेढ़ दशक से इन कांडों का पुलिस अनुसंधान ही कर रही है। वैसे सुरंग यादव बिहार के जेल में बंद अकेला नक्सली नहीं हैं जिसे गिरिडीह पुलिस रिमांड पर नहीं ला सकी है। सुरंग यादव के अलावा उसके सहयोगी तेजो मंडल, मंटू यादव, लखन यादव समेत एक दर्जन से अधिक वैसे हार्डकोर माओवादी जमुई जेल में बंद हैं जिसके खिलाफ गिरिडीह जिले में नक्सली खून-खराबे के कई मामले दर्ज हैं। किसी को भी पुलिस रिमांड पर गिरिडीह नहीं ला सकी है।

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-17 जुलाई 2017 को सुरंग ने जमुई में किया था सरेंडर : बिहार के जमुई एवं गिरिडीह जिले का आतंक माना जानेवाला इनामी हार्डकोर नक्सली सुरंग यादव ने 17 जुलाई 2017 को बिहार के जमुई में आयोजित एक समारोह में सीआरपीएफ एवं बिहार पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था। सुरंग का जितना आतंक जमुई जिले में था उससे अधिक आतंक बिहार से सटे गिरिडीह जिले में था। गिरिडीह पुलिस दर्जनभर से अधिक बड़े-बड़े नक्सली हिसा के मामले में लंबे समय से उसकी तलाश करती रही है। सुरंग यादव को रिमांड पर लेकर पुलिस गिरिडीह जिले में घटे बड़े-बड़े नक्सली हिसा के मामलों का खुलासा कर सकती थी। यही कारण है कि जब सुरंग यादव ने सरेंडर किया तो गिरिडीह पुलिस ने उसे रिमांड पर लेने की कवायद की थी। पुलिस का दावा था कि बहुत जल्द पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। लेकिन आज तीन साल बाद भी गिरिडीह पुलिस को इसमें एक कदम भी सफलता हाथ नहीं लगी है।

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दूसरे राज्यों से रिमांड पर लाने की क्या है प्रक्रिया : कांड के अनुसंधानकर्ता को दूसरे संबंधित राज्य की अदालत में जाकर रिमांड पर लेने के लिए आवेदन देना पड़ता है। अदालत को बताना है कि जेल में बंद अभियुक्त उसके यहां कांड में नामजद आरोपित है। उसे रिमांड पर अपने यहां लाकर पूछताछ करने की जरूरत है। इस पर अदालत रिमांड पर देने का आदेश जारी करती है। आश्चर्य का विषय है कि सालों बाद पुलिस अदालत से यह आदेश नहीं ले सकी।

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जानकारी देने की स्थिति में नहीं हैं पुलिस अधिकारी : चिलखारी नरसंहार में 20, भेलवाघाटी नरसंहार में 17 एवं कैदी वाहन ब्रेक में तीन पुलिसकर्मियों की माओवादियों ने हत्या कर दी थी। दिल को दहलानेवाली इन हिसक घटनाओं में पुलिस का अनुसंधान किस स्थिति में है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इन घटनाओं में आज तक पुलिस एक भी हत्यारे को सजा नहीं दिला सकी है। खून की नदी बहानेवाले माओवादी आराम से खुले हवा में सांस ले रहे हैं। वहीं पीड़ित परिवार आज भी खून के आंसू बहा रहा है। सुरंग यादव को रिमांड पर बिहार से क्यों नहीं लाया जा सका, इसका जवाब देने की स्थिति में कोई भी पुलिस अधिकारी नहीं हैं। सभी पुलिस अधिकारियों का यही कहना है कि ये कांड काफी पुराने हो चुके हैं। उस वक्त उनकी यहां पोस्टिग नहीं हुई थी। इस संबंध में खोरीमहुआ के एसडीपीओ नवीन कुमार सिंह ने बताया कि आरोपित को रिमांड पर लेना संबंधित कांड के अनुसंधानकर्ता एवं थाना प्रभारी की जिम्मेदारी होती है। भेलवाघाटी थाना पुलिस को उन्होंने इस संबंध में निर्देश दिया है। इधर भेलवाघाटी थाना प्रभारी ने बताया कि मामला काफी पुराना है। रिमांड पर लेने के लिए क्या कार्रवाई की गई है, इसका पता लगाया जाएगा।

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इन मामलों में गिरिडीह पुलिस को है सुरंग यादव की तलाश : 11 सितंबर 2005 को हुए भेलवाघाटी नरसंहार जिसमें 17 लोग शहीद हुए थे

- 26 अक्टूबर 2007 को हुए चिलखारी नरसंहार जिसमें बाबूलाल मरांडी के पुत्र समेत 20 लोग हुए थे शहीद

-नौ नवंबर 2012 को गिरिडीह कैदी वाहन ब्रेक में तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे जबकि आठ माओवादी समेत 29 बंदियों को नक्सली छुड़ाकर ले गए थे

 -भेलवाघाटी थाना में दर्ज महेश किशोर के जंगल में विस्फोटक बरामदगी

- भेलवाघाटी के बरमसिया में पुलिस नक्सली मुठभेड़ मामले

-भेलवाघाटी के मुखिया पुत्र सुभाष वर्णवाल एवं उसके सहयोगी श्यामसुंदर पंडित की हत्या

-देवरी थाना के चतरो में झाविमो नेत्री मीरा तिवारी के घर में फायरिग करने

-देवरी के सोनरे पुल पर 50 किलोग्राम का विस्फोटक भरा केन बम रखने

- देवरी के फतेहपुर मोड़ के पास राजेश हेंब्रम की गला रेत कर हत्या

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