बेहतर कार्य कर निवर्तमान मुखिया ने बनाई अलग पहचान

बिरनी गिरिडीह बिरनी प्रखंड अंतर्गत कपिलो पंचायत की निवर्तमान मुखिया इंदु देवी अपने कार्यो अ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 05:54 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 05:54 PM (IST)
बेहतर कार्य कर निवर्तमान मुखिया ने बनाई अलग पहचान
बेहतर कार्य कर निवर्तमान मुखिया ने बनाई अलग पहचान

बिरनी, गिरिडीह : बिरनी प्रखंड अंतर्गत कपिलो पंचायत की निवर्तमान मुखिया इंदु देवी अपने कार्यो और सेवाभाव के कारण दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हुई हैं। मुखिया बनने के बाद वह पंचायत वासियों के बीच रहकर सेवाभाव से लगातार बेहतर काम कर रही हैं। पंचायत के हर गांव में सबसे पहले ग्राम सभा के माध्यम से योजनाओं का चयन और लाभुक समिति का गठन किया जाता है। निवर्तमान मुखिया पर अपने घर की भी पूरी जिम्मेदारी है। वह घर-परिवार की जिम्मेदारी को निभाते हुए पंचायत के हर गांव में जा-जा कर दिन रात जनता की सेवा करने में जुटी रहती हैं। उन्होंने जनता की समस्याओं को खत्म करने का प्रयास किया है। इसी का परिणाम है कि उन्हें चार-चार बार राष्ट्रीय अवार्ड मिला है। वित्तीय वर्ष 2017 -28 व 2018-19 में दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण अवार्ड तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 व 2019-20 में नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार उन्हें मिल चुका है। इसके अलावा जिला तथा प्रखंड स्तर पर दर्जनाधिक प्रशस्ति पत्र मिला है। वित्तीय वर्ष 2019-20 का नानाजी देश मुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार 2021 को पंचायती राज दिवस पर उन्हें प्रदान किया गया। राज्य भर में कपिलो पंचायत का पहला स्थान रहा है। उन्हें चार-चार राष्ट्रीय अवार्ड मिलने से पंचायत के ग्रामीणों में काफी खुशी है।

सरकार ने पंचायत सचिवालय को क्रियाशील करने के लिए लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। इंटरनेट, सुंदरीकरण समेत कई कार्य किए गए हैं, लेकिन उनके लाख प्रयास के बावजूद वर्तमान में सभी पंचायत सचिवालय क्रियाशील नहीं हो पाया है, जबकि कपिलो पंचायत ने प्रखंड से लेकर जिला व राज्य तथा देश स्तर पर मिसाल पेश की है। निवर्तमान मुखिया पंचायत सचिवालय को अपनी कुटिया मानकर इस कार्य में जुट गई। पंचायत भवन का सुंदरीकरण कर बेहतर सभा कक्ष मुखिया कक्ष, पंचायत सचिव कक्ष, स्वच्छता एवं पेयजल कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, इंटरनेट कक्ष, योजना निर्माण कक्ष, लाभुक कक्ष, पंचायत भवन प्रहरी आदि की व्यवस्था की गई है। पूरे पंचायत में बेहतर व गुणवत्ता पूर्ण शौचालय हर घर में बनाया है। छूटे हुए योग्य लाभुकों का अब भी शौचालय निर्माण करा रही हैं। सैकड़ों योग्य लोगों को वृद्धा, विधवा, दिव्यांग पेंशन की स्वीकृति दिलाई है। सैकड़ों योग्य लाभुकों का राशन कार्ड बनवाई है। दो सौ योग्य लाभुकों के लिए प्रधानमंत्री आवास निर्माण कराया है। हर गांव में डोभा, तालाब, टीसीबी, कूप, सड़क, पीसीसी, नाली, सामुदायिक भवन, चबूतरा, आंबेडकर आवास, श्मशान घाट, छठ घाट, जल मीनार आदि का निर्माण कर पंचायत का विकास किया है। पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता व अन्य कर्मी पंचायत सचिवालय में बैठक कर पंचायत के कार्यो को संपादित करते हैं। इसी कारण ग्रामीणों को किसी भी काम के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। राज्यस्तरीय जांच टीम ने कपिलो पंचायत का निरीक्षण कर योजनाओं का भौतिक सत्यापन व अभिलेखों की जांच की थी। जांच में सभी योजनाओं में बेहतर कार्य पाया गया। जांच में पंचायत स्तरीय स्थायी समिति, ग्राम सभा का संचालन पाया गया। साथ ही स्थल निरीक्षण के क्रम में मनरेगा मजदूरों, किसान, ग्रामीण, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आदि से बातचीत कर पंचायत में चल रहे विकास कार्यो का जायजा लिया था।

खुले मैदान में शौच जाने पर लगाई रोक : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 650 शौचालय बनाकर पंचायत को खुले में शौच से मुक्त कराया। इससे गांवों की महिलाओं को मान सम्मान व इज्जत दिलाई है।

महामारी में की मदद : बीते वर्ष कोरोना काल में लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए घर-घर जाकर जानकारी दी। निजी खर्च से ग्रामीणों के बीच मास्क व सैनिटाइजर का वितरण किया। महानगरों से वापस आए प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर में रखाया और उनके लिए निजी राशि से खाने-पीने और दवा की व्यवस्था की। उनके परिवार की भी मदद की। इस काल में ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाकर व घर-घर जाकर जागरूक किया। प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देकर उनके घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने का काम किया है।

महिलाओं को पढ़ाया स्वच्छता का पाठ : निवर्तमान मुखिया ने महिलाओं को माहवारी के समय जो पीड़ा होती है या उनसे होनेवाले संक्रमण से बचाव के लिए उन्हें जागरूक किया। साथ ही सेनेटरी पेड का वितरण किया।

महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर : निवर्तमान मुखिया ने पंचायत के हर गांव में जा-जाकर महिला स्वयं सहायता समूह का गठन कराया। महिलाओं को समूह से जोड़कर उन्हें रोजगार करने के लिए प्रेरित किया। कई समूह की महिलाएं काम कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।

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