बाबूलाल के क्षेत्र में इलाज की नहीं है व्यवस्था, पटना-रांची जा रहे मरीज

दिलीप सिन्हा गिरिडीह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के विधानसभा क्षेत्र राजधनवार

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:35 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 05:35 PM (IST)
बाबूलाल के क्षेत्र में इलाज की नहीं है व्यवस्था, पटना-रांची जा रहे मरीज
बाबूलाल के क्षेत्र में इलाज की नहीं है व्यवस्था, पटना-रांची जा रहे मरीज

दिलीप सिन्हा, गिरिडीह : भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के विधानसभा क्षेत्र राजधनवार बिहार के जमुई, नवादा एवं कोडरमा जिले से सटा है। बाबूलाल का पैतृक गांव भी अपने विधानसभा क्षेत्र के कोदाइबांक तिसरी में है। तीन प्रखंडों क्रमश: राजधनवार, तिसरी व गावां में बंटा बाबूलाल का विधानसभा क्षेत्र चिकित्सा के मामले में काफी पीछे है। इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री और मंत्री भी बने, लेकिन यहां चिकित्सा सुविधा का नेटवर्क खड़ा नहीं हो सका। इतना ही नहीं चिकित्सा सुविधा को लेकर बाबूलाल से सवाल करने वाले कॉमरेड राजकुमार यादव ने भी विधानसभा में राजधनवार का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने भी चिकित्सा के क्षेत्र में यहां के लिए कुछ नहीं किया। यही कारण है कि कोरोना के इस काल में भी यहां के लोग बीमार होने पर जान बचाने के लिए रांची तो छोड़िए बिहार की राजधानी पटना की दौड़ लगा रहे हैं। तिसरी के कोदाईबांक स्थित पैतृक आवास में रह रहीं बाबूलाल की पुत्रवधू को कुछ दिन पूर्व तबीयत बिगड़ने पर इलाज के लिए रांची ले जाकर भर्ती कराना पड़ा था। अभी भी वे रांची में इलाजरत हैं। संपन्न लोग तो रांची, पटना जाकर इलाज करा ले रहे हैं लेकिन, गरीब लोग बेमौत मर रहे हैं।

राजधनवार विधानसभा क्षेत्र में केवल गावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को कोविड अस्पताल का रूप दिया गया है। ऑक्सीजन सिलेंडर में रेगुलेटर तक नहीं है। नतीजा ऑक्सीजन सिलेंडर को गोदाम में रख दिया गया है। यह स्थिति गावां के साथ-साथ बाबूलाल के पैतृक गांव तिसरी के अस्पताल की भी है। गावां में ऑक्सीजन सिलेंडर पांच है, लेकिन रेगुलेटर एक ही है। स्वाभाविक है कि एक समय में एक ही मरीज को इस कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन दिया जा सकता है। जब रेगुलेटर हो तो आप वेंटिलेटर की आशा कैसे कर सकते हैं? पूरे राजधनवार विस क्षेत्र में सिर्फ गावां में कोविड अस्पताल बनाया गया है। यहां भी सुविधा नहीं के बराबर है।

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केस स्टडी 1 :

तिसरी के पारा शिक्षक अजय सिन्हा की कोरेाना से तबीयत बिगड़ गई थी। तिसरी में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण स्वजन उन्हें इलाज के लिए पटना ले गए। वहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके अलावा गावां के एक पारा शिक्षक एवं उनकी पत्नी की कोरोना से हालत बिगड़ गई। स्वजन तुरंत दोनों को पटना ले गए। वहां इलाज के दौरान पत्नी ने दम तोड़ दिया।

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केस स्टडी 2 :

आठ मई की सुबह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की छोटी बहू बिशनी सोरेन को तबीयत बिगड़ने के बाद कोदाईबांक से 108 एंबुलेंस से गावां सीएचसी लाया गया था। दिवंगत अनूप मरांडी की पत्नी बिशनी को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। वे अपनी सास सह बाबूलाल की पत्नी शांति मुर्मू के साथ पहुंची थी। गंभीर हालत देख उन्हें रांची रेफर कर दिया गया था।

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पूर्व सीएम के गृह प्रखंड में कोविड से बचाव की तैयारी नहीं : राजकुमार

तिसरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मुआयना कर खामियों को उजागर करते हुए राजधनवार के पूर्व माले विधायक राजकुमार यादव ने बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधा है। यादव ने कहा है कि बाबूलाल के गृह प्रखंड में कोविड से बचाव की कोई तैयारी नहीं है। तिसरी के लोगों को कोविड के इलाज के लिए गावां अस्पताल जाना पड़ रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके विधायक काल में तिसरी में भी सात चिकित्सक होते थे लेकिन, अभी मात्र तीन डॉक्टरों के भरोसे अस्पताल चलाया जा रहा है।

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अपने गिरेबां में झांके राजकुमार : सुरेश

प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य सुरेश साव ने माले विधायक राजकुमार यादव पर पलटवार करते हुए कहा है कि बाबूलाल पर सवाल करने से पहले उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। पांच साल विधायक रहते हुए उन्होंने चिकित्सा के एक भी कार्य नहीं किए। बाबूलाल ने कोरोना से लड़ने के लिए पहले 25 लाख और अभी 20 लाख रुपये दिए हैं। ऑक्सीजन एवं ऑक्सीमीटर पहुंचवा रहे हैं। उनके प्रयास से राजधनवार में कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन युक्त बेड लगाए गए हैं।

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